यूरिक एसिड (Uric Acid) बढ़ने के कारण बुजुर्गों में गठिया रोग की शिकायत आम है। इस बीमारी के बारे में सही जानकारी न होने के कारण लोग अपने आसपास के झोलाछाप डॉक्टरों की मदद से इसको और जटिल बना देते हैं। ऐसे में गठिया की समस्या अधिक गंभीर हो जाती है।

आपको बता दें कि खून में मौजूद यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है, जो शरीर में प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। आम तौर पर किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करके बाहर निकाल देता है। लेकिन कभी- कभी किडनी एसिड को फिल्टर करने में खुद को असहाय महसूस करती है। ऐसी स्थिति में यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इकट्ठा होने लगता है। शरीर में यूरिक एसिड (Uric Acid) की बढ़ी हुई मात्रा के कारण जोड़ो में दर्द, सूजन या अकड़न की स्थिति पैदा हो जाती है। जिसे मेडिकल भाषा में गाउट कहते हैं।

शरीर में यूरिक एसिड की नॉर्मल रेंज 3.6 से 7.5 mg/dl के बीच होती है, लेकिन अगर यदि यह बढ़कर 7.6 mg/dl हो जाए तो इस स्थिति को हाई यूरिक एसिड यानि हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने ना सिर्फ जोड़ों में तेज दर्द, सूजन, लालिमा और अकड़न की समस्या होती है बल्कि गंभीर मामलों में तो गुर्दे में पथरी, किडनी फेलियर, लिवर फेलियर और हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

वरिष्ठ रूमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर लक्ष्मण मीणा के मुताबिक, अर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों को अपने खानपान में बेहद ध्यान रखना चाहिए। गठिया से पीड़ित रोगियों को विटामिन सी से संबंधित आहार लेने चाहिए। विटामिन सी खाने से रोगियों को इसमें फायदा मिलता है। बता दें कि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें प्यूरीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में इन चीजों के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर और भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूरिक एसिड बढ़ने पर मरीज को शराब एवं मांस से दूर रहना चाहिए।

अपने डाइट में करें शामिल: यूरिक एसिड की अधिक मात्रा मुख्यतः मेटाबॉलिक डिसऑर्डर से पीड़ित लोग, जैसे- डायबिटीज, मोटापा, हाइपरटेंशन एवं लंबे समय से शराब और लाल मीट का सेवन कर रहे लोगों में पाया जाता है। ऐसे में अपने डाइट में खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, अंगूर, टमाटर, आदि एवं अमरूद, सेब, केला, बेर, बिल्व, कटहल, शलगम, पुदीना, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया और पालक आदि को शामिल करना चाहिए। यह सभी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा दालें भी विटामिन सी का स्रोत होती हैं।

यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या करें?

गठिया के इलाज में यूरिक एसिड (Uric Acid) की मात्रा को कम करने के लिए आमतौर पर एलोप्यूरिनोल एवं फिबुजोस्टेट जैसी दवाइयां दी जाती हैं। लेकिन यह बीमारी के आधार पर अपने डॉक्टर की सलाह पर ही लें।