पिछले कुछ सालों में डायबिटीज मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कम उम्र में ही लोग इस क्रॉनिक बीमारी का शिकार हो रहे हैं। डीयबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है। इस बीमारी को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये बीमारी चुपचाप शरीर के जरूरी अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। लगातार लम्बे समय तक ब्लड शुगर के स्तर को नजरअंदाज किया जाए तो ये बीमारी दिल के रोग, किडनी डैमेज और आंखों से जुड़ी बीमारियों का शिकार बना सकता है। डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल करना है तो समय-समय पर ब्लड शुगर चेक करना और उसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी है।
हेल्थलाइन के मुताबिक ब्लड शुगर अनकंट्रोल होने पर हमारी बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं। अगर इन लक्षणों को समय पर पकड़ लिया जाए तो आसानी से ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि हाई ब्लड शुगर होने पर बॉडी में कौन-कौन से लक्षम दिखते हैं।
डिहाइड्रेशन होना
जब ब्लड शुगर बढ़ता है तो शरीर अतिरिक्त ग्लूकोज को पेशाब के जरिए बॉडी से बाहर निकालने की कोशिश करता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे बार-बार प्यास लगती है। यह स्थिति “पॉलीडिप्सिया” कहलाती है। आप सामान्य से अधिक पानी पी सकते हैं फिर भी प्यास बनी रहती है खासतौर पर रात में। लगातार प्यास लगना अनकंट्रोल डायबिटीज का शुरूआती लक्षण हो सकता है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
बार-बार पेशाब आना
जब ब्लड शुगर का स्तर 180 mg/dL से अधिक होता है तो किडनी अतिरिक्त शुगर को पेशाब के जरिए बाहर निकालती हैं। इससे दिन और रात में बार-बार पेशाब आने लगता है जिसे पॉलीयूरिया कहते हैं। इससे नींद में खलल और थकान हो सकती है। यह लक्षण डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकता है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना जरूरी है।
भूख ज्यादा लगना
जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन की कमी या इंसुलिन प्रतिरोध के कारण ग्लूकोज नहीं ले पातीं तो मस्तिष्क ज्यादा खाने का संकेत देता है। इससे बार-बार भूख लगती है जिसे पॉलीफेजिया कहा जाता है। आप अधिक खाने के बावजूद भी संतुष्ट नहीं महसूस करते। यदि यह लक्षण बना रहे तो ब्लड शुगर और वजन दोनों में वृद्धि हो सकती है।
वजन का कम होना
जब शरीर को ग्लूकोज से ऊर्जा नहीं मिलती, तो यह वसा और मांसपेशियों को ऊर्जा में बदलना शुरू कर देता है। इससे वजन तेजी से घटता है, भले ही आपकी डाइट पहले जैसी हो। यह लक्षण टाइप 1 डायबिटीज में अधिक आम है लेकिन अनियंत्रित टाइप 2 डायबिटीज में भी हो सकता है। यह एक गंभीर चेतावनी संकेत है।
थकान और कमजोरी होना
ग्लूकोज शरीर की प्रमुख ऊर्जा का स्रोत होता है। जब यह कोशिकाओं में नहीं जा पाता तो शरीर में ऊर्जा की भारी कमी हो जाती है। इसका नतीजा होता है लगातार थकान और कमजोरी, भले ही आप खाना खा रहे हों और आराम कर रहे हों। यह थकावट आपके काम, सोचने की शक्ति और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
धुंधली दृष्टि होना
जब ब्लड शुगर ज्यादा होता है, तो यह आंखों की लेंस से तरल खींचता है, जिससे लेंस की आकृति बदल जाती है। इसका परिणाम धुंधली या बिगड़ी हुई दृष्टि होता है। लंबे समय तक ब्लड शुगर अधिक रहने पर आंखों की नसों को नुकसान पहुंच सकता है और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए समय पर इलाज जरूरी है।
घाव धीरे भरना
ब्लड शुगर का लंबे समय तक अधिक रहना शरीर की रक्त संचार प्रणाली और इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है। इससे घाव धीरे भरते हैं और संक्रमण जल्दी होता है, खासकर पैरों, स्किन, मसूड़ों और पेशाब के मार्ग में। छोटी चोटें कई हफ्तों तक ठीक नहीं होते। यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
हाथों-पैरों में सुन्नपन होना
डायबिटिक न्यूरोपैथी तब होती है जब लंबे समय तक हाई शुगर लेवल से शरीर की नसों को नुकसान पहुंचता है। यह सबसे पहले पैरों या हाथों की उंगलियों में झुनझुनी, जलन या सुन्नपन से शुरू होता है। धीरे-धीरे यह दर्द या संवेदना की कमी में बदल सकता है, जिससे चलना-फिरना कठिन हो सकता है और चोट का खतरा बढ़ जाता है।
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