मसालों के बिना खाने का स्वाद अधूरा है। कुछ मसालें ऐसे हैं जो ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि सेहत पर दवाई की तरह भी काम करते हैं। हल्दी एक ऐसा मसाला है जो हमारे खाने का अहम हिस्सा है। हल्दी के बिना खाने में रंग और स्वाद दोनों अधूरा लगता है। हल्दी एक ऐसा पावरफुल मसाला है जो पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें विटामिन सी,विटामिन के,पोटैशियम,कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन, जिंक,प्रोटीन और फाइबर मौजूद होता है। इसके एंटी बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण कई बीमारियों का बिना दवाई खाए ही इलाज कर देते हैं।
बीएमजे एविडेंस-बेस्ड मेडिसिन में प्रकाशित एक नए अध्ययन में पाया गया है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन बदहज़्मी की दवाई ओमेप्राज़ोल की तरह ही असरदार है। बदहजमी और अपच की परेशानी में जितना मुकाम दवाई का है उतना ही हल्दी का भी है।
हल्दी अकेले ही बदहजमी और अपच का इलाज करती है। शोध के मुताबिक हल्दी में पाया जाने वाला प्राकृतिक यौगिक ओमेप्राजोल की तरह ही पेट के अतिरिक्त एसिड को प्रभावी ढंग से कम कर सकता है। अध्ययन को प्रमाणित करने के लिए शोधकर्ताओं ने अपच के 18 साल से लेकर 70 साल की उम्र के 206 रोगियों को रिसर्च में शामिल किया।
दवाई की तरह असर करती है हल्दी
रिसर्च में एक समूह को हल्दी दी गई तो दूसरे समूह को ओमेप्राजोल दिया गया, जबकि तीसरे समूह को हल्दी प्लस ओमेप्राजोल दिया गया। ओमेप्राजोल का उपयोग अपच के इलाज के लिए किया जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पीपीआई दवाई का लंबे समय तक उपयोग करने से फ्रैक्चर का जोखिम,बॉडी में न्यूट्रिशन की कमी और संक्रमण के खतरे से जोड़कर देखा है। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि तीनों समूहों में जिन मरीजों ने कर्क्यूमिन का इस्तेमाल किया उनके लक्षणों में बेहतर सुधार हुआ। शोध के मुताबिक हल्दी को अपच के इलाज में सबसे बेहतर दवाई माना गया है।
हल्दी के सेहत के लिए फायदे
हल्दी एक ऐसा मसाला है जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इस मसाले का सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है। इसका सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल रहता है। ये मसाला बॉडी में होने वाली सूजन को कम करता है।
ये एक रोगाणुरोधी मसाला है जो पेट से जुड़ी समस्याओं का इलाज करने में सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा है। हल्दी का एक महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन होता है जो पेट की सफाई करता है और पेट से जुड़ी परेशानियों जैसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम,डायरियां और कब्ज की बीमारी का उपचार करता है। पेट से संबंधित समस्याओं का हल्दी बेहतरीन तरीके से उपचार करती है।