Severe Viral fiver: बुखार एक सामान्य बीमारी है जो अक्सर लोगों को होती रहती है। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन सामान्यतया अक्सर होने वाला बुखार वायरल ही होता है। यानी वायरस के संक्रमण के कारण बुखार लग जाता है। साधारण वायरल बुखार में कुछ हल्की-फुल्की दवाई खा लेने के दो-तीन दिन के बाद यह अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों को यही बुखार जल्दी नहीं उतरता जिसके कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर ज्यादा बुखार हो जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। ऐसे में हम यह समझ नहीं पाते हैं कि कितना बुखार होने पर हमें डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है।
कितना बुखार होने पर डॉक्टर के पास जाना है जरूरी:
मायोक्लीनिक के मुताबिक अगर 0 से 3 महीने के बीच का बच्चा है तो 100.1 डिग्री तक बुखार आ जाए तो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 100 से कम बुखार होने से किसी तरह का खतरा नहीं है। लेकिन अगर सौ डिग्री से ज्यादा बुखार है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर बच्चा तीन से 6 महीने के बीच है तो 102 डिग्री तक बुखार होने पर भी घबराने की जरूरत नहीं है।
उसे तरल पदार्थ दें लेकिन इतने बुखार पर भी अगर बच्चा असहज हो जाता है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। 102 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर बच्चा असहज महसूस कर रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। वयस्कों में अगर 102 डिग्री तक सामान्य बुखार है तो डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती है लेकिन इतने बुखार के साथ अगर सिर दर्द, गर्दन दर्द, सांस लेने में तकलीफ और अन्य तरह की असामान्य शिकायत है तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी हो जाता है।
वायरल फीवर होने का घरेलू इलाज
- अगर बुखार 102 डिग्री से कम है और कुछ और दिक्कतें नहीं है तो सबसे पहले घर में आराम करें।
- वायरल फीवर के कारण बॉडी बहुत ज्यादा गर्म हो जाती है। इसमें शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। इसलिए तरल पदार्थों का खूब सेवन करें।
- जितना हो सके जूस पीएं। सूप, स्पोर्ट्स ड्रिंक, ग्रेवी, चाय आदि का सेवन करें।
- केमिस्ट की दुकान में बुखार के लिए जो सामान्य दवाइयां हैं, उनका सेवन करें। आप बुखार उतारने के लिए एस्परिन, आइब्यूप्रूवेन, एसिटामिनोफेन आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बुखार को हटाने में सहजन की सब्जी बहुत कारगर होगी। इसका सेवन करें या इसके पाउडर को बाजार से खरीद लें।
- प्रेग्नेंट महिलाएं इसका सेवन न करें।