जिंदगी की मसरूफियत और जिम्मेदारियों का बढ़ता बोझ मानसिक सेहत को बिगाड़ रहा है। मल्टीटास्किंग होने के साथ एक साथ कई जिम्मेदारियों का बोझ आपकी मानसिक स्थिति को बिगाड़ सकता है। रफ्तार भरी जिंदगी से तालमेल बिठाने में हम अपनी मानसिक सेहत को बिगाड़ रहे हैं। जरूरत से ज्यादा सोचना हम लोगों की आदत बनता जा रहा है। हम उन बातों को लेकर भी चिंतित होते हैं जिन पर दोबारा सोचने की जरूरत नहीं होती। आपकी सोच आपका तनाव आपके नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर रहा है। कभी आपने सोचा है कि आपकी बॉडी की नसें यानी आपका नर्वस सिस्टम ठीक से काम कर रहा है या नहीं।

 आपकी नसें ठीक से काम कर रही है या नहीं इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। सिर्फ आपको एक सिंपल सा टेस्ट करने की जरूरत होगी। एक सिंपल टेस्ट जिसे आप कभी भी कर सकते हैं और अपने नर्वस सिस्टम की कमजोरी को पहचान सकते हैं।

जब भी आप खाली बैठें तो थूक को तीन बार निगलने की कोशिश करें और देखें कि कहीं बीच में अटक तो नहीं रहा। अगर आपको निगलने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही तो आपका नर्वस सिस्टम दुरुस्त है। अगर निगलने में परेशानी हो रही है तो यह संकेत है कि अब आपको खुद को शांत करने की ज़रूरत है।

फोर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विनीत बंगा ने बताया लगातार तीन बार निगलने में कठिनाई होना इस बात का संकेत हो सकता है कि आप का नर्वस सिस्टम अत्यधिक सक्रिय या असंतुलित है खासतौर पर तब जब शरीर ‘फाइट या फ्लाइट मोड’ में होता है। जब आप तनाव में ज्यादा होते हैं तो निगलने में ज्यादा परेशानी होती है। निगलने की प्रक्रिया पैरा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम से जुड़ी है जिसमें भोजन और तरल पदार्थ को मुंह से गले और ग्रासनली तक ले जाने में कठिनाई होती है। जब तनाव ज्यादा होता है तो बॉडी खाना निगलने, पाचन या गहरी सांस लेने जैसी गतिविधियों में कमजोर होने लगता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि हम अपने नर्वस सिस्टम को कैसे रेगुलेट कर सकते हैं।

नर्वस सिस्टम को कैसे रेगुलेट करें

धीमी और गहरी सांस लें

नर्वस सिस्टम को रेगुलेट करने के लिए आप धीमी और गहरी सांस लें जिसे डायाफ्रामेटिक ब्रीथिंग कहा जाता है। इस तरह से सांस लेने से वागस नस सक्रिय होती है, जो शरीर को आराम की स्थिति में लाती है। इस तरह सांस लेने से तनाव और चिंता कंट्रोल रहती है और नर्वस सिस्टम संतुलित होता है।

चेहरे पर ठंडे पानी की छींटे मारें

नर्वस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए आप चेहरे पर ठंडे पानी की छींटे मारें। ठंडे पानी से नहाना या पानी से चेहरे पर छींटे मारने से वागस नस उत्तेजित होती है जो नर्वस सिस्टम को रीसेट करने में मदद कर सकती है। यह शरीर को शांत करती है और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाती है।

नंगे पांव चले

नर्वस सिस्टम को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप कुछ देर नंगे पांव चलने की आदत डालें। नंगे पांव चलना, किसी बनावट वाली वस्तु को पकड़ना, या शारीरिक संवेदनाओं पर ध्यान केंद्रित करना तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद कर सकता हैं। ये गतिविधियां नर्वस सिस्टम को शांत करने का प्रभावी तरीका है।

गुनगुनाए नर्वस सिस्टम दुरुस्त होगा

वेगस नस उत्तेजित करने के लिए आप गाना गाए,  गुनगुनाए या फिर गरारा करें इस तरह की गतिविधि से वेगस नस उत्तेजित होती है। ऐसा करने से बॉडी में संतुलन और सुकून आता है। यह प्रक्रिया तंत्रिका तंत्र को अधिक नियंत्रित और शांत बनाती है।

अच्छी नींद और बैलेंस डाइट है जरूरी

नर्वस सिस्टम को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप रात की सुकून की नींद लें और संतुलित डाइट का सेवन करें। यह दोनों क्रियाएं शारीरिक और मानसिक लचीलापन बढ़ाती है और शरीर को तनाव से मुकाबला करने में मजबूत बनाती हैं।

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