बवासीर एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और कई तरह की परिस्थितियां जिम्मेदार है। बवासीर जिसे पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में मलाशय के अंदर या एनस के बाहर नसों में दर्द और सूजन होती है। इस परेशानी में एनस में खुजली होती है और कई बार मल के साथ ब्लड भी डिस्चार्ज होता है। पाइल्स के लक्षणों को घरेलू नुस्खों की मदद से ठीक किया जा सकता है।
स्थिति गंभीर होने पर ही डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है। पाइल्स की परेशानी के लिए कब्ज जिम्मेदार है। लम्बे समय तक कब्ज रहने से मल डिस्चार्ज करने के लिए ज्यादा प्रेशर लगाना पड़ता है, घंटों टॉयलेट में बैठने के बाद भी पेट साफ नहीं होता है और एनस में दर्द और सूजन बनी रहती है।
अक्सर लोग बवासीर यानी पाइल्स की समस्या के समय परेशान रहते हैं। शर्मिंदगी की वजह से इस परेशानी का इलाज नहीं करते और उसे झेलते रहते हैं। पाइल्स की वजह से एनस में असहनीय दर्द होता है और उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है। आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक अगर आप कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करें तो आसानी से पाइल्स से छुटकारा पा सकते हैं। नागदौन एक ऐसा आयुर्वेदिक पौधा है जो औषधीय गुणों से भरपूर है। इस पौधे की पत्तियों का सेवन करके पाइल्स से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
नागदौन कैसे बवासीर का इलाज करता है?
औषधीय गुणों से भरपूर नागदौन के तीन से चार पत्तों का रोजाना सेवन करने से बवासीर के लक्षणों से बचाव होता है और बवासीर का इलाज होता है। नागदौन के पत्तों के साथ इसके फूल भी असरदार हैं। इसके फूलों की खुशबू से घर आंगन महक जाता है और हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसका सेवन करने से यूरिन में होने वाली परेशानी से निजात मिलती है। नागदौन का सेवन उसकी पत्तियों को चबाकर या फिर काढ़ा बनाकर कर सकते हैं। चूर्ण और गोलियों के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं।
नागदौन का सेवन आप इन पत्तों के साथ तीन-चार काली मिर्च का पेस्ट बनाकर खाने से पाइल्स की परेशानी दूर होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर नागदौन का पत्ता बड़ा है तो वो एक से दो पत्तियों तक का सेवन कर सकते हैं। आप सुबह खाली पेट काली मिर्च और एक पत्ते को पीसकर खाएं। इस पेस्ट को मुंह में रखें और पानी पी लें। इस पेस्ट को पीने से पाइल्स की वजह से होने वाली कितनी भी ज्यादा ब्लीडिंग हो कंट्रोल हो जाती है।