Diabetes Symptoms: शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। चीन के बाद डायबिटीज के मरीजों की संख्या में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या लगभग 77 मिलियन थी। एक्सपर्ट्स के अनुसार अधिकतर भारतीय इस बात से अनजान रहते हैं कि वो डायबिटीज से ग्रस्त हैं। इस वजह से भारत को मधुमेह की राजधानी कहा जाता है।

अस्वस्थ आहार लेने से और शारीरिक रूप से असक्रिय होने के कारण लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बता दें कि मधुमेह रोगियों के शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने से शरीर के अन्य अंगों पर भी असर होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों की आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाई ब्लड शुगर ब्लड वेसल्स को डैमेज कर देता है जिससे आंखों की रक्त धमनियां क्षतिग्रस्त हो जाती है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी: आंखों के पिछले हिस्से में स्थित होता है रेटिना जो सेल्स का एक ग्रुप होता है। ये लाइट को इमेज में कंवर्ट करता है, लेकिन रेटिना में ब्लड वेसल्स डैमेज होने से डायबिटिक रेटिनोपैथी की परेशानी हो सकती है। समय से इसका इलाज नहीं करने से अंधापन भी हो सकता है।

धुंधलापन: हाई ब्लड शुगर की वजह से आंखों के आगे अंधेरा छा सकता है। रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से आंखों की लेंस में सूजन आ जाता है जिससे लोगों की देखने की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए जरूरी है कि ब्लड शुगर लेवल 70 से 130 mg/dL के बीच रहना चाहिए।

मोतियाबिंद: हेल्थ एक्सपर्टस के मुताबिक किसी कैमरा की तरह ही आंखें भी इमेज पर फोकस करती हैं। ऐसा आंखों की इंटर्नल लेंस के कारण हो सकता है। जब ये लेंस धुंधला, गंदा या धूल जैसा दिखता है तो इसका मतलब है कि लोगों को मोतियाबिंद की परेशानी हो सकती है। ये समस्या खासकर डायबिटीज रोगियों में ज्यादा देखने को मिलती है।

रखें इन बातों का ध्यान: अध्ययन में बताया गया है कि डाइबिटीज के मरीज अगर अपनी डाइट में विटामिन- ए युक्त भोजन को शामिल कर लें तो आंखों की रोशनी जल्दी खराब नहीं होती है। हरी-पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन करें।