वर्तमान समय में खराब खानपान, अनियमित जीवनशैली और कोई शारिरिक गतिविधि ना करने के कारण लोग ऐसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जो पहले बड़े-बुजुर्गों की हुआ करती थी। ऐसी है एक बीमारी है डायबिटीज की। डायबिटीज एक क्रॉनिक डिसीज है, जब बॉडी इंसुलिन रोधी हो जाती है तो लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। मधुमेह की बीमारी में अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है।

जब खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है तो इसके कारण हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज के मरीज अपनी रोजमर्रा की कुछ गलतियों को सुधार कर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं।

भोजन के बीच गेप: डायबिटीज के मरीजों को खानपान के बीच अधिक गैप नहीं रखना चाहिए। क्योंकि, लंबे समय तक भूखा रहने के कारण ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होने लगता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ डायबिटीज के मरीजों को नियमित अंतराल पर खाना खाने की सलाह देते हैं।

गतिहीन जीवनशैली: वर्तमान समय में गतिहीन जीवनशैली के कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज अपने रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं। नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने से खून में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रहता है। आप चाहें तो बाद में धीरे-धीरे एक्सरसाइज की अवधि को बढ़ा सकते हैं।

फलों का सेवन: स्वास्थ्य विशेषज्ञ डायबिटीज के मरीजों को नियमित तौर पर फलों का सेवन करने की सलाह देते हैं। हालांकि आपको ऐसे फलों का सेवन करना चाहिए, जिसमें शुगर की मात्रा कम हो।

तनाव: तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को तनाव लेने से बचना चाहिए। अधिक तनाव के कारण रक्त शर्करा का स्तर भी बढ़ जाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।