Fasting Blood Sugar Range: ब्लड शुगर या ग्लूकोज रक्त में पाया जाने वाला शुगर होता है जो भोजन से शरीर को प्राप्त होता है। ये शरीर के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है जिसे ब्लड सभी बॉडी सेल्स तक लेकर जाता है।

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीजों का ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है। लंबे समय तक अगर ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा हो जाती है ये गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।

फास्टिंग शुगर लेवल कितना होना चाहिए: फास्टिंग ब्लड शुगर उसे कहते हैं जब व्यक्ति आठ घंटे या उससे अधिक समय से भूखा हो और फिर अपने रक्त शर्करा की जांच कराए। आमतौर पर जो लोग हेल्दी रहते हैं उनका फास्टिंग शुगर लेवल 70 से 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच होता है।

वहीं, अगर बगैर खाए अगर लोगों का शुगर लेवल 100 से 126 mg/dl के बीच होता है तो माना जाता है कि उन्हें भविष्य में ये बीमारी हो सकती है। यही कारण है कि ऐसे लोगों को प्री-डायबिटीज की कैटिगरी में रखा जाता है।

इसके अलावा, जिन लोगों का फास्टिंग ब्लड शुगर का स्तर 130 mg/dl या उससे ज्यादा होता है उन्हें डायबिटीज रोगी माना जाता है। बताया जाता है कि अगर रक्त शर्करा का स्तर इससे बढ़ जाता है तो उसे खतरनाक माना जाता है।

कैसे कंट्रोल करें रक्त शर्करा का स्तर: बताया जाता है कि लोग क्या और कितना खाते हैं, दवाइयों का सही समय पर सेवन और फिजिकल एक्टिविटी शुगर लेवल पर नियंत्रण रखने में मदद करता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर शुगर लेवल बढ़ने की पहचान समय से हो जाए तो इस पर नियंत्रण करना आसान हो जाता है। उनके अनुसार खूब पानी पीने और हाई प्रोटीन स्नैक के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है। हालांकि, अब तक किसी रिसर्च में इस बात का पुख्ता सबूत नहीं मिला है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक एक्सरसाइज ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए एक त्वरित और असरदार तरीका है। व्यायाम करने से शरीर इंसुलिन के प्रति अधिक सेंसेटिव होता है। शारीरिक सक्रियता शरीर को एनर्जी के लिए ग्लूकोज की जरूरत होती है। ऐसे में सेल्स ग्लूकोज को मसल्स को देते हैं और ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है।