डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है, धीरे-धीरे चुपके से ये बीमारी कब बॉडी को अपने कब्जे़ में कर लेती है इंसान को अंदाज़ा भी नहीं होता। डायबिटीज की बीमारी से पहले की स्थिति को प्रीडायबिटीज कहा जाता है, जिसके लिए खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है। प्रीडायबिटीज वह अवस्था है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं होता कि उसे टाइप-2 डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाए। इस स्थिति को डाइट,लाइफस्टाइल और तनाव को कंट्रोल करके रिवर्स किया जा सकता है। अगर लम्बे समय तक ब्लड शुगर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो इंसान को टाइप-2 डायबिटीज हो जाती है। टाइप-2 डायबिटीज कंफर्म होने के एक से दो सालों तक इस बीमारी को रिवर्स किया जा सकता है उसके बाद इसे रिवर्स करना बहुत मुश्किल काम होता है।
डायबिटीज मरीजों के पास सिर्फ एक ऑप्शन होता है कि वो इस बीमारी का सामना करें। इस बीमारी को कंट्रोल में रखना ही इसका इलाज है। अगर लंबे समय तक डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये बीमारी दिल के रोगों का कारण बन सकती है। ये किडनी और लंग्स को भी नुकसान पहुंचा सकती है। डायबिटीज का हाई लेवल डायबिटीज न्यूरोपैथी का कारण बन सकता है। डायबिटीज की वजह से आंखों और बॉडी के दूसरे जरूरी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।
कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी फास्टिंग शुगर अक्सर या हमेशा हाई रहती है जबकि HbA1C रिपोर्ट नॉर्मल आता है। डायबिटीज, लाइफस्टाइल डिजीज और डाइट स्पेशलिस्ट डॉक्टर डॉ. बिश्वरूप रॉय चौधरी ने बताया डायबिटीज मरीजों का फास्टिंग शुगर कम होना चाहिए लेकिन 2005 में देखा गया है कि दुनिया भर में 55 फीसदी डायबिटीज मरीजों का फास्टिंग शुगर हाई होता है। डायबिटीज मरीजों का फास्टिंग शुगर हाई होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। एक्सपर्ट ने बताया अगर आपकी फास्टिंग शुगर हमेशा ज्यादा रहती है लेकिन HbA1C नॉर्मल आता है, तो यह अक्सर शुरुआती इंसुलिन रेजिस्टेंस या प्रीडायबिटीज की ओर इशारा करता है। इसमें आपका शरीर सुबह होने वाले ग्लूकोज़ स्पाइक्स (Dawn Phenomenon) को संभाल नहीं पाता, जबकि दिनभर की शुगर सामान्य रहती है।
इसका कारण तनाव, खराब नींद या गलत डाइट भी हो सकते हैं। HbA1C महीनों की औसत शुगर बताता है, इसलिए यह सुबह के छोटे-से हाई स्पाइक्स को पकड़ नहीं पाता, जबकि फास्टिंग ग्लूकोज़ को ये तुरंत दिखा देता है। इसी वजह से जीवनशैली में बदलाव की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि फास्टिंग शुगर हाई होने के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं?
डॉन फेनोमेनन (Dawn Phenomenon) है फास्टिंग शुगर हाई होने का कारण
American Diabetes Association के मुताबिक सुबह के समय कॉर्टिसोल जैसे हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे लिवर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज़ रिलीज करता है। प्रीडायबिटीज में शरीर उतनी इंसुलिन नहीं बना पाता, जिससे सुबह शुगर बढ़ जाती है। ये प्रक्रिया आमतौर पर सुबह 4-8 बजे के बीच होती है।
इंसुलिन की कमी या रात में लो शुगर (Somogyi Effect)
अगर आप इंसुलिन लेते हैं, तो कभी-कभी रात में शुगर बहुत कम हो जाती है। ऐसे में शरीर खुद को बचाने के लिए उल्टा ज्यादा शुगर बना देता है, जिससे सुबह शुगर हाई मिलती है।
इसी तरह अगर रात में दी जाने वाली बेसल (background) इंसुलिन की मात्रा कम हो, तो भी सुबह उठते समय शुगर बढ़ सकती है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस
सेल्स इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं और ग्लूकोज़ को अवशोषित नहीं कर पाते। इस वजह से रात में लिवर द्वारा छोड़ी गई शुगर खून में ही बढ़ी रहती है।
रात में पेशाब ज्यादा आना और नींद से जागना
डायबिटीज मरीज रात में बार-बार जागते हैं पेशाब करने के लिए या उन्हें पर्याप्त नींद नहीं आती तो उनका फास्टिंग ब्लड शुगर हाई रहता है। पर्याप्त और गहरी नींद नहीं मिलने से हार्मोनल असंतुलन होता है जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
HbA1C बनाम रियल-टाइम स्पाइक्स
HbA1C 2–3 महीने की औसत शुगर दिखाता है। अगर आपकी शुगर दिनभर सामान्य है लेकिन सुबह कुछ घंटे हाई रहती है, तो HbA1C नॉर्मल दिखेगा लेकिन फास्टिंग शुगर हाई मिलेगी। HbA1C पिछले 2-3 महीनों की औसत शुगर बताता है। इसलिए अगर आपकी शुगर पूरे दिन ठीक रहती है और सिर्फ सुबह थोड़ी देर के लिए बढ़ती है, तो ये औसत में नहीं गिनी जाती। इसी वजह से HbA1C नॉर्मल आता है, लेकिन फास्टिंग शुगर फिर भी हाई मिलती है।
फास्टिंग शुगर को नॉर्मल रखने के लिए क्या करें
- डाइट में बदलाव करें। रात के खाने में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जियां खाएं। डाइट में प्रोटीन रिच फूड्स जैसे दाल, पनीर, टोफू, अंडा या चिकन का सेवन करें। रात में 1–2 रोटी खाएं, याद रखें कि रोटी मैदा की या फिर रिफाइंड आटे की नहीं बनी हो।
- खाने के बाद 15-20 मिनट की वॉक जरूर करें। वॉक करने से न सिर्फ पाचन दुरुस्त रहता है बल्कि खाने के बाद की शुगर भी कंट्रोल रहती है और सुबह खाली पेट की शुगर नॉर्मल होती है।
- रात में स्नैक्स का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। रात को सोने से पहले भूख लगे तो आप दूध में हल्दी डालकर उसका सेवन करें।
- रात की 7-8 घंटों की सुकून की नींद भी बेहद जरूरी है। रात की नींद तनाव को कंट्रोल करती है और फास्टिंग शुगर को नॉर्मल करती है।
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