गर्मियों का मौसम आ गया है और गर्मी ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मी के कहर के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है और बच्चों में कई तरह की बीमारियां होने का डर बढ़ गया है। वैसे तो गर्मियों में पानी की कमी और सफाई का ख्याल ना रखने की वजह से होने वाली बीमारियों की आशंका ज्यादा रहती है। इन दिनों होने वाली बीमारियों को लेकर जनसत्ता डॉट कॉम ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक गोस्वामी से खास बातचीत की।

गर्मियों में बच्चों को किन-किन बीमारियों का खतरा होता है?
इन दिनों बच्चों को डायरिया, उल्टी और स्किन संबंधी दिक्कतों का खतरा ज्यादा रहता है। इन बीमारियों की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यह बीमारियां गंदगी की वजह से होती है। इसमें 10 साल तक बच्चों में डायरिया आदि के मामले सामने आते हैं और इसके लिए सबसे जरुरी है कि बच्चों के खाने-पीने और सफाई पर ध्यान दिया जाए। दरअसल बच्चें गर्मी में कई ऐसे फूड होते हैं, जिन्हें अच्छे से पचा नहीं पाते हैं और उन्हें उल्टी आदि की समस्या हो जाती है। वहीं धूप और पसीने की वजह से स्किन संबंधी बीमारियां हो सकती है।

क्या है बीमारी के लक्षण और डॉक्टर के पास कब जाना ठीक रहता है?
इन सभी बीमारियों में उल्टी आना और सुस्ती सबसे अहम लक्षण है। कई बार बच्चों को आवश्यकता से अधिक नींद आती है और बच्चा सुस्त रहता है व खाना भी नहीं खाता है। ऐसी स्थिति में बच्चों को ये रोग हो सकते हैं, इसलिए ऐसे लक्षण दिखाई देने पर बच्चों की सेहत पर जरुर ध्यान दें। एक या दो बार उल्टी होने तक कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ऐसा ज्यादा बार होता है तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही अगर बच्चें की आंखे अंदर धंसी हुई सी लग रही है तो शिशु विशेषज्ञ से सलाह लें और जल्द से जल्द इलाज शुरू करें।

इन बीमारियों से कैसे बचा जाए और कौनसे घरेलू उपचार कारगर हैं?
सबसे खास बात है कि बच्चों को अधिक से अधिक मात्रा में पानी पिलाएं और पानी के साथ ग्लूकोज की मात्रा की भी कमी ना होने दें। बच्चे की सफाई का ध्यान रखें। इसके लिए बच्चों के डायपर आदि का ध्यान रखें और बच्चे की सफाई करने के बाद खुद भी अच्छे से हाथ धोएं। वहीं बच्चों को ओआरएस घोल, ग्लूकोज, जूस आदि का सेवन करवाते रहें। साथ ही उन्हें घर का खाना खिलाएं।

बच्चों की किन आदतों में करें बदलाव?
बच्चों की सेहत के लिए खेलना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर वो मिट्टी आदि में ज्यादा खेलते हैं तो उन्हें ऐसा कम करने दें। साफ-सुथरी जगहों पर ही उन्हें खेलने भेजें और हो सके तो घर में ही बच्चों को खेलने दें। बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो उसे सफाई रखने, हाथ धोने आदि के बारे में बताते रहें। उसे खाना -खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की सलाह दें।

बच्चों को स्कूल भेजने के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उसके टिफिन में ताजा खाना ही रखें और सुबह बनाया हुआ खाना ही बच्चों के टिफिन में पैक करें। कभी भी रात का खाना ना दें और बच्चें को सफाई रखने के लिए कहें। पानी की दो बोतल रखें। बच्चा छोटा है तो उसके टीचर या मेड को भी पानी लगातार पिलाते रहने के लिए कह सकते हैं। बच्चों के बैग में एक सेनेटाइजर रखें और उसका इस्तेमाल करने की आदत बच्चों में जरुर डाल दें।