डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो एक बार शरीर को अपनी चपेट में ले ले, तो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करती रहती है और कई गंभीर बीमारियों का कारण बनती है। पिछले एक दशक में भारत में डायबिटीज के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जिसका मुख्य कारण खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में 70 मिलियन से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। दरअसल, डायबिटीज दो अलग-अलग प्रकार – टाइप 1 और टाइप 2 का होता है, जिसके बीच के अंतर को समझना बहुत ही जरूरी है।
टाइप 1 डायबिटीज क्या है?
टाइप 1 डायबिटीज एक लॉंग टर्म बीमारी है, जिसमें पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, जिससे शरीर इंसुलिन बनाने में असमर्थ हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो आपके शरीर की कोशिकाओं को एनर्जी प्रदान करने के लिए ग्लूकोज का उपयोग करने में मदद करता है। इसके अलावा हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से शरीर को ग्लूकोज मिलता है। इंसुलिन का काम रक्त से ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं तक ले जाना है। जब कोशिकाओं में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज होता है, तो लिवर और मांसपेशी ऊतक अतिरिक्त ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में संग्रहित करते हैं, जिसका उपयोग शरीर एनर्जी के लिए करता है।
टाइप 1 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन की कमी के कारण ग्लूकोज को स्टोर नहीं कर पाता है। भोजन से ग्लूकोज आपकी कोशिकाओं में नहीं जा पाता, जिससे खून में ग्लूकोज की मात्रा काफी बढ़ जाती है। हाई ब्लड ग्लूकोज से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
टाइप दो डायबिटीज क्या होती है?
टाइप 2 डायबिटीज में कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करती। भले ही हार्मोन का स्तर पर्याप्त हो, लेकिन शरीर रक्त से ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने के लिए संघर्ष करता है। अंततः शरीर पर्याप्त इंसुलिन बनाना बंद कर सकता है। टाइप 2 डायबिटीज लंबे समय में खतरनाक हो सकती है।
नॉन-O ब्लड टाइप के लोगों को डायबिटीज खतरा
यूरोपियन एसोसिएशन के जर्नल डायबेटोलोगिया में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, O-ब्लड टाइप वाले लोगों की अपेक्षा नॉन-O ब्लड टाइप वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा अधिक होता है। स्टडी में 80 हजार महिलाओं को शामिल किया गया था। इनमें 3553 लोगों में टाइप 2 डायबिटीज और नॉन-ओ टाइप ब्लड वाले लोगों को डायबिटीज का खतरा अधिक था।
B ब्लड टाइप के लोगों में डायबिटीज का खतरा
इसके अलावा, A ब्लड टाइप वाली महिलाओं में O ब्लड टाइप वाली महिलाओं की अपेक्षा टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। वहीं, B ब्लड टाइप वाली महिलाओं में O ब्लड टाइप वाली महिलाओं की अपेक्षा 21 प्रतिशत अधिक डायबिटीज होने की संभावना होती है।
डायबिटीज से बचाव
डायबिटीज से बचाव करने के लिए स्वस्थ, कम वसा और कम नमक वाला आहार खाना, अत्यधिक शराब से बचना और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। इसके अलावा ये हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में काफी मददगार हो सकता है।
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