बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और शानदार लेखक रहे कादर खान का 31 दिसंबर को 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके बेटे सरफराज खान ने इस बात की खबर मीडिया को दी। कई सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके कादर खान ने विलेन, अभिनेता, और अन्य कई यादगार किरदार निभाएं हैं। कादर खान लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे और कनाडा के एक अस्पताल में 16-17 सप्ताह से भर्ती थे। उनकी मौत की खबर के बाद पूरा बॉलीवुड शोकाकुल है। कादर खान को काफी समय से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके चलते डॉक्टर्स ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। कादर खान एक ऐसी बीमारी से लड़ रहे थे जो शरीर के कई हिस्सों पर असर डालती हैं।

प्रोग्रेसिव सुपरान्यूक्लियर पाल्सी (PSP) वह बीमारी है जिससे कादर खान जूझ रहे थे। यह बीमारी एक असामान्य मस्तिष्क विकार है जो चलने, संतुलन बनाए रखने और आंखों के मूवमेंट्स आदि से जुड़ी गंभीर समस्याओं को पैदा करती है। शरीर की गति और सोच को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के क्षेत्रों की कोशिकाओं के बिगड़ने से यह विकार उत्पन्न होता है। समय के साथ बढ़ने वाली बीमारी प्रोग्रेसिव सुपरान्यूक्लियर पाल्सी कई जानलेवा समस्याओं जटिलताओं को जन्म दे सकती है।

बीमारी के लक्षण-

1. चलते समय संतुलन नहीं बना पाना- गिरने और सही तरीके से ना चल पाना बीमारी का मुख्य लक्षण है।

2. आंखों को एक जगह केंद्रित करने में असमर्थता- बीमारी के दौरान नीचे की ओर देखने में कठिनाई हो सकती है, या धुंधला दिखाई देना और डबल विज़न अनुभव हो सकता है।

अन्य लक्षण-

1. अकड़न
2. बार-बार गिरना
3. बोलने और निगलने में समस्या
4. रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
5. सोने से संबंधी परेशानियां
6. आनंददायक गतिविधियों में रुचि की कमी
7. बिना किसी कारण के हंसना या रोना
8. मेमोरी, तर्क, समस्या-समाधान और निर्णय लेने में कठिनाई
9. अवसाद और चिंता
10. चेहरे की मांसपेशियों का कठोर होना

बीमारी के कारण

प्रोग्रेसिव सुपरान्यूक्लियर पाल्सी बीमारी होने का कारण अभी तक पता नहीं लग पाया है। इस विकार के संकेत और लक्षण आपके मस्तिष्क के क्षेत्रों में कोशिकाओं के बिगड़ने से उत्पन्न होते हैं, विशेष रूप से वे क्षेत्र जो शरीर की गति और सोच को नियंत्रित करते हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्रोग्रेसिव सुपरान्यूक्लियर पाल्सी से ग्रसित लोगों की मस्तिष्क की बिगड़ती कोशिकाओं में टाऊ नामक प्रोटीन की असामान्य मात्रा होती है। टाऊ के क्लंप्स अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों का भी कारण बनते हैं, जैसे अल्जाइमर रोग।

बीमारी के बचाव-

पीएसपी का कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को खुद को सहज रखने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि इस बीमारी के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर्स द्वारा कुछ निर्धारित दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।