आज के समय में भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में दिमाग का तेज और एक्टिव रहना बेहद जरूरी है। सिर्फ पढ़ाई या कामकाज ही नहीं, बल्कि डेली लाइफ असर भी दिमाग की क्षमता पर साफ नजर आता है। अच्छी याददाश्त और फोकस जहां करियर में मददगार होते हैं। वहीं, उम्र बढ़ने के साथ ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने के लिए कुछ हेल्दी आदतें अपनाना जरूरी है।
दरअसल, अक्सर लोग मानते हैं कि ज्यादा पढ़ाई या रटाई करने से इंसान स्मार्ट बनता है, लेकिन विज्ञान कुछ और ही कहता है। शोध के मुताबिक, दिमाग को तेज करने के लिए रोजमर्रा की कुछ आदतें दिमाग को मजबूत और सक्रिय बनाए रखने में मदद करती है। अच्छी नींद, नियमित एक्सरसाइज, ध्यान, संतुलित आहार, पढ़ने की आदत और सामाजिक मेलजोल जैसी छोटी-छोटी चीजें आपकी याददाश्त, एकाग्रता और समस्या सुलझाने की क्षमता को लगातार बेहतर बनाती हैं।
पर्याप्त और और नींद लें
AIIMS की रिपोर्ट के अनुसार, रोज 7 से 9 घंटे की नींद लेने वाले छात्रों की याददाश्त, ध्यान और तर्कशक्ति बेहतर पाई गई। वहीं, नींद की कमी से मानसिक थकान और एकाग्रता में गिरावट आती है। इसलिए नींद को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और पर्याप्त और अच्छी नींद लेनी चाहिए।
शरीर एक्टिव रखें
सिर्फ 20 मिनट की सैर या हल्का व्यायाम भी मस्तिष्क में ब्लड फ्लो बढ़ाकर मूड और सोचने की क्षमता में सुधार करता है। जापान के स्कूलों में बच्चों के बेहतर अकादमिक प्रदर्शन के लिए नियमित शारीरिक गतिविधियों को शामिल किया जाता है।
दिमाग के लिए सही खानपान
हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। ओमेगा-3 से भरपूर अखरोट, अलसी के बीज और मछली याददाश्त बढ़ाने और मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा करने में मददगार हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार, बेरीज और हरी पत्तेदार सब्जियां मस्तिष्क की उम्र धीमी करने और याददाश्त मजबूत रखने में सहायक हैं।
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन अपनाएं
ध्यान और माइंडफुलनेस तनाव घटाने, एकाग्रता बढ़ाने और भावनात्मक कंट्रोल के लिए बहुत असरदार हो सकते हैं। थाईलैंड में स्कूल लेवल पर माइंडफुलनेस को बढ़ावा दिया जाता है, ताकि विद्यार्थी प्राकृतिक तरीके से चिंता को कंट्रोल कर सकें और पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे सकें।
पर्याप्त पानी पिएं
पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन भी दिमाग की कार्यक्षमता पर नकारात्मक असर डालता है। जर्मनी के स्कूलों में बच्चों को नियमित रूप से पानी पीने के लिए प्रेरित किया जाता है। दिमाग के बेहतर प्रदर्शन के लिए रोजाना कम से कम 6 से 8 गिलास पानी पीना जरूरी है।
स्क्रीन से ब्रेक लें
लगातार स्क्रीन देखने से मानसिक थकान और उत्पादकता में गिरावट आती है। दक्षिण कोरिया के स्कूलों में डिजिटल डिटॉक्स ब्रेक की शुरुआत की गई है, ताकि छात्र अपनी मानसिक एनर्जी को ताजा कर सकें और डिजिटल थकान से बचें। इसलिए मोबाइल और लैपटॉप के इस्तेमाल के बीच-बीच में छोटे ब्रेक जरूर लें।
हर दिन कुछ नया सीखें
दिमाग को हेल्दी और एक्टिव बनाए रखने के लिए रोजाना कुछ नया सीखने या फिर नया करने का प्रयास करें। दिमाग में नई कड़ियां बनाने की क्षमता यानी न्यूरोप्लास्टिसिटी तभी सक्रिय रहती है जब आप नई चीजें सीखते हैं।
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