Inflammation control: बॉडी में इंफ्लामेशन (सूजन) एक नेचुरल प्रोसेस है जो बॉडी के इम्यून सिस्टम का नतीजा है। बॉडी में इंफ्लामेशन होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे शरीर में कोई चोट लगना, बैक्टीरिया, वायरस या फंगस संक्रमण, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, क्रॉनिक डिजीज जैसे डायबिटीज,मोटापा और दिल के रोग,हार्मोनल असंतुलन,एलर्जी,खराब लाइफस्टाइल और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस की वजह से बॉडी में इंफ्लामेशन बढ़ने लगता है। इंफ्लामेशन और मोटापे के बीच गहरा संबंध है। जब शरीर में क्रॉनिक लो-ग्रेड इंफ्लामेशन होता है तो यह मेटाबोलिज्म, हॉर्मोनल बैलेंस और फैट स्टोरेज को प्रभावित करता है जिससे मोटापा बढ़ सकता है।
इंफ्लामेशन मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है जिससे बॉडी में फैट बर्न होने की प्रक्रिया स्लो हो जाती है और मोटापा बढ़ने लगता है। क्रॉनिक इंफ्लामेशन माइटोकॉन्ड्रिया की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाता है जिससे एनर्जी का उत्पादन कम होता है, कैलोरी बर्न करने की क्षमता घट जाती है,जिससे वजन बढ़ सकता है।
डॉक्टर एवं क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट फॉर वेट लॉस प्रोग्राम की डॉक्टर शिखा सिंह ने बताया आजकल लोग एंटी इंफ्लामेटरी डाइट का सेवन कर रहे हैं और अपना बहुत ज्यादा वजन घटा रहे हैं। ये डाइट हमारे बॉडी फैट पर असरदार तरीके से काम करती है। अगर आप प्रोसेस फूड ज्यादा खाते हैं,शुगर का सेवन ज्यादा करते हैं, एल्कोहल ज्यादा लेते हैं, नींद कम लेते हैं, तनाव ज्यादा है और हार्मोनल इंबैलेंस है तो बॉडी में इंफ्लामेशन हो सकता है। ऐसे में बॉडी से एक इंफ्लामेटरी केमिकल रिलीज होता है जिसे साइटोकाइन कहा जाता है।
साइटोकाइन हमारी बॉडी के दो हॉर्मोन फंक्शन को डिस्टर्ब करता है एक है इंसुलिन और दूसरा है लेप्टिन। इंसुलिन की वजह से शुगर मैनेज नहीं होती जबकि लेप्टिन की वजह से हम ओवर इंटिंग करते हैं जिसकी वजह से बॉडी में फैट का स्टोरेज बढ़ने लगता है जिसकी वजह से हमारा वजन तेजी से बढ़ता है। अगर आप भी इंफ्लामेशन को कंट्रोल करना चाहते हैं साथ ही वजन को कम करना चाहते हैं तो आप इंफ्लामेशन कंट्रोल करने वाले कुछ फूड्स का सेवन करें। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे फूड है जो इंफ्लामेशन कंट्रोल करते हैं और वजन को कंट्रोल करते हैं।
दो भिगे हुए अखरोट खाएं
अगर आपको इंफ्लामेशन कंट्रोल करना है तो आप रोजाना दो भीगे हुए अखरोट का सेवन करें। अखरोट में कई पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड,एंटीऑक्सीडेंट्स,फाइबर, प्रोटीन और मैग्नीशियम होता है जो सूजन को कम करने और मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है।
हरी सब्जियां और ग्रीन टी का करें सेवन
अगर बॉडी फैट को कंट्रोल करना चाहते हैं तो सबसे पहले इंफ्लामेशन को कम करें। सूजन को कंट्रोल करने के लिए आप डाइट में हरी सब्जियां और ग्रीन टी का सेवन करें। हरी सब्जियों में आप पालक,ब्रोकोली,मेथी और धनिया,बीन्स और मटर का सेवन करें। इन सब्जियों में विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं और सूजन को कंट्रोल करते हैं। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स और पॉलीफेनोल्स, विशेषकर कैटेचिन होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
रोस्टेड चना का करें सेवन
इंफ्लामेशन कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप रोस्टेड चना का सेवन करें। चना प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होता हैं जो शरीर में सूजन को कंट्रोल करता है। इम्यूनिटी को मजबूत करने में रोस्टेड चने का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। प्रोटीन रिच चना मेटाबोलिज्म में सुधार करता है जिससे शरीर में सूजन कम होती है।
लो फैट पनीर और टोफू का करें सेवन
लो फैट पनीर और टोफू में ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो इंफ्लामेशन कंट्रोल करने में मदद करते हैं। ये हल्के प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं जो हड्डियों, मांसपेशियों और कोशिकाओं को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। प्रोटीन रिच ये चना कोशिकाओं की मरम्मत करता है और सूजन से ग्रस्त टिशू को पुनर्जीवित करता है।
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