इरिटेबल बाउल सिंड्रोम एक पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या है, जिसमें पेट फूलना, गैस, पेट दर्द, ऐंठन और कब्ज जैसी दिक्कतों के कारण हो सकती हैं। यह बीमारी सीधे लाइफस्टाइल और खानपान से जुड़ी है। हालांकि, इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव के साथ कुछ प्राकृतिक सप्लीमेंट्स का सेवन लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है। इसके साथ ही आंतों की सेहत भी सुधारी जा सकती है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ प्राकृतिक सप्लीमेंट्स का सेवन IBS के लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल कर सकता है। इन्हें सही मेडिकल गाइडेंस के साथ लिया जाए, तो यह आंतों के स्वास्थ्य को सपोर्ट करते हैं और दर्द व असुविधा कम करने में मददगार होते हैं।

इसबगोल

इसबगोल घुलनशील फाइबर का सबसे बेहतर स्रोत माना जाता है। जब इसे पानी के साथ लिया जाता है, तो यह जेल जैसी परत बनाता है जो मल को मुलायम बनाकर कब्ज में राहत देता है और दस्त की स्थिति में भी मल को कंट्रोल करता है। इसमें मौजूद अरबिनोक्साइलन प्रीबायोटिक की तरह काम करता है और आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है। यह बैक्टीरिया ब्यूटिरेट नामक शॉर्ट-चेन फैटी एसिड बनाते हैं, जो आंतों की सेहत और गतिशीलता के लिए जरूरी है। इसबगोल उन कुछ फाइबरों में से है, जो IBS के मरीजों को परेशानी नहीं देते, बल्कि लक्षणों को कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं।

एल-ग्लूटामिन

एल-ग्लूटामिन एक महत्वपूर्ण अमीनो एसिड है, जो आंतों की परत को सुरक्षित रखने में मदद करता है। IBS और खासकर लीकी गट या आंतों में सूजन वाले मरीजों के लिए यह बेहद उपयोगी माना जाता है। यह आंतों की परमेबिलिटी कम करता है और हीलिंग में मदद करता है। 2021 की एक क्लीनिकल स्टडी के अनुसार, IBS रोगियों ने जब लो-FODMAP डाइट के साथ रोजाना 15 ग्राम एल-ग्लूटामिन लिया, तो उनके पेट दर्द और अनियमित मल त्याग जैसे लक्षणों में काफी सुधार देखा गया। खासकर उन मरीजों के लिए लाभकारी है जिनके IBS लक्षण तनाव या इंफ्लेमेशन के कारण बढ़ जाते हैं।

प्रोबायोटिक्स

प्रोबायोटिक्स को गुड बैक्टीरिया भी कहा जाता है, जो पाचन को आसान बनाते हैं और आंतों के माइक्रोबायोम को संतुलित रखते हैं। रिसर्च के अनुसार, बिफीडोबैक्टीरियम इन्फैंटिस और लैक्टोबैसिलस प्लांटारम जैसे कुछ प्रकारों पर IBS के लिए शोध किया गया है। हालांकि, हर प्रोबायोटिक एक जैसा असर नहीं करता। सही स्ट्रेन, डोज और अवधि का चुनाव डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। यह खासकर उन लोगों के लिए जरूरी है जिनके IBS लक्षण माइक्रोबायोम असंतुलन से जुड़े होते हैं।

पुदीना

पुदीना IBS के लिए एक चमत्कारी और प्राकृतिक समाधान है। यह आंतों की दीवार की मांसपेशियों को ढीला करके, दर्द, सूजन और गैस को कम करके ऐसा करता है। एंटरिक-कोटेड कैप्सूल विशेष रूप से प्रभावी होते हैं, क्योंकि ये पेट में पाचन क्रिया को बाधित किए बिना पुदीने के शांत करने वाले गुणों को आंतों तक पहुंचाते हैं। रिसर्च से पता चला है कि इसका उपयोग IBS के लक्षणों को काफी कम कर सकता है, खासकर IBS-D वाले लोगों में। दरअसल, IBS के लक्षणों को केवल दवा से नहीं, बल्कि फाइबर, अमिनो एसिड, प्रोबायोटिक्स और पुदीना जैसे प्राकृतिक सप्लीमेंट्स के संयोजन से भी कंट्रोल किया जा सकता है।

वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।