आज के समय में खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते यूरिक एसिड की समस्या बहुत तेजी से बढ़ते जा रही है। हालांकि, पहले बढ़ती उम्र के साथ यूरिक एसिड जैसी समस्याएं आम होती थी, लेकिन अब युवाओं को भी यूरिक एसिड की समस्या अधिक हो रही है। जिसका सबसे मुख्य कारण खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। शरीर में एक बार यूरिक एसिड का लेवल हाई हो जाता है, तो ये जोड़ों में दर्द और गठिया आदि की समस्या हो सकती है। अगर, इसे समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो ये दिल के रोग, किडनी डिजीज और डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती है।
दरअसल, यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं, जो हम सभी की बॉडी में बनते हैं और किडनी अपना काम करके इन टॉक्सिन को यूरिन के माध्यम से बॉडी से बाहर भी निकाल देती है। यूरिक एसिड का बनना एक नेचुरल प्रोसेस है, क्योंकि ये प्यूरीन के टूटने से बनता है। प्यूरीन एक रसायन है, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और कुछ फूड्स में भी होता है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा में ज्यादा होना सेहत के लिए खतरा है। हाई यूरिक एसिड गाउट का कारण बनता है और फिर कई अन्य समस्याओं को पैदा कर सकता है। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञ, डॉ. सलीम ज़ैदी ने कुछ ऐसे फूड्स बताए हैं, जो हड्डियों में जमा सारा यूरिक एसिड बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।
खीरा
यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए खीरा एक हल्का, पानीदार और कम प्यूरीन वाला फल और सब्जी का विकल्प है। खीरे में 95% पानी होता है, जो शरीर से अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन, गंदगी और यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते बाहर निकालने में मदद करता है। अकेले खीरा खाना फायदेमंद है, लेकिन खीरे का जूस बनाकर दिन भर पीना ज्यादा असरदार हो सकता है।
जौ का पानी
आयुर्वेद में जौ को एक टॉनिक, शरीर को साफ करने वाला और कई बीमारियों के लिए उपयोगी माना जाता है। इसके तत्व शरीर से एक्स्ट्रा यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते बाहर निकालने में मदद करते हैं। अगर, आप गठिया या जोड़ों में सूजन और दर्द से परेशान हैं, तो रोजाना जौ का पानी पीना शुरू कर दें। इसके अलावा जौ का दलिया खाना भी फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से किडनी अच्छी तरह काम करती है और शरीर डिटॉक्स होता है।
विटामिन सी से भरपूर फल
यूरिक एसिड के प्रभावी उपचारों में विटामिन सी एक महत्वपूर्ण घटक है। आंवला, संतरा, नींबू और अमरूद जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट शरीर में जमा अतिरिक्त यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते बाहर निकालने में मदद करता है। इन फलों को रोजाना खाने से न सिर्फ यूरिक एसिड कम होता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी भी बढ़ती है।
पर्याप्त पानी पिएं
अगर, यूरिक एसिड बढ़ जाए, तो उसे प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने का सबसे आसान और कारगर तरीका पर्याप्त पानी पीना है। रोजाना 2.5 से 3 लीटर पानी पीने से गुर्दे सक्रिय रहते हैं और यूरिक एसिड पेशाब के जरिए आसानी से बाहर निकल जाता है। सादा पानी या नींबू पानी बिना चीनी मिलाए भी पी सकते हैं, क्योंकि यह शरीर में क्षारीय वातावरण बनाता है।
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