डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करना जरूरी है वरना किडनी, आंखें, दिल और स्किन को नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन का कम उत्पादन कई परेशानियों को बढ़ा सकता है। इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है, जो शरीर के अंदर बनता है। इंसुलिन ब्लड में मिलकर ब्लड में मौजूद ग्लूकोज को कंट्रोल करता है। अगर बॉडी में इंसुलिन का उत्पादन ठीक से ना हो बॉडी में शुगर की बीमारी हो जाती है।
भोजन करने के बाद जब ब्लड में शुगर और ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो उस समय बढ़ी हुई शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का स्त्राव होता है। इंसुलिन ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करता है, साथ ही फैट को सुरक्षित रखता है ताकि जरूरत के मुताबिक वसा का उपयोग कर सके। बॉडी में इंसुलिन का बनना जरूरी है।
टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों में पैंक्रियाज इसुलिन को बनाना बंद कर देता है जबकि टाइप-2 डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का कम उत्पादन करता है। दोनों तरह की डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने के लिए दवाई का सहारा लिया जाता है। आप जानते हैं कि कुछ देसी नुस्खे बेहद असरदार हैं जो दवाईयों के बिना ही इंसुलिन का उत्पादन करते हैं और डायबिटीज को कंट्रोल करते हैं। किचन में मौजूद तीन गर्म मसाले इंसुलिन का उत्पादन करने में असरदार हैं। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए मसाले कैसे असरदार हैं।
मेथी दाना नेचुरल इंसुलिन का करता है काम
किचन में मौजूद मेथी दाना एक ऐसा गर्म मसाला है जो शुगर को कम करने में बेहद असरदार साबित होता है। मेथी के दानों में अमीनो एसिड होता है जो ब्लड में मौजूद शुगर को तोड़ने और उसका स्तर घटाने में मदद करता है। ये मसाला नेचुरल तरीके से ब्लड में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाता है। मेथी दानों में प्रोबायोटिक्स भी होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में असरदार है।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप मेथी दाना का इस्तेमाल गर्म पानी में भिगोकर, मेथी के दानों का पाउडर बनाकर, रात भर भिगोए और अंकुरित बीजों को सलाद, इडली या डोसा में मिलाकर किया जा सकता है।
हल्दी का सेवन बढ़ाता है इंसुलिन:
हल्दी का सेवन करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और शुगर भी कंट्रोल रहती है। हल्दी का अर्क फॉस्फोडिएस्टरेज़ गतिविधि को रोककर, सामान्य रूप से इंसुलिन को बढ़ाने में मदद करता है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। हल्दी का सेवन आप दूध के साथ और खाने में कर सकते हैं।
दालचीनी का करें सेवन:
औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी का सेवन शुगर के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में असरदार होते हैं। शुगर के मरीज दालचीनी का इस्तेमाल लहसुन-दालचीनी का काढ़ा बनाकर, खाने में, फ्रूट चाट में और चाय के साथ कर सकते हैं। स्वाद में कड़वा ये मसाला कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति संवेदनशील बनाता है और बॉडी में नेचुरल इंसुलिन की तरह काम करता है।