Advanced brain tumor symptoms: ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि की विशेषता है। ट्यूमर मस्तिष्क या खोपड़ी के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है, जिसमें मस्तिष्क के निचले हिस्से, सुरक्षात्मक परत (protective lining), मस्तिष्क तंत्र और नाक गुहा (nasal cavity) शामिल हैं। जब ब्रेन के अंदर ट्यूमर बढ़ जाता है। फिर यह उस हिस्से पर दबाव डालता है और वही अंग शरीर के कार्य के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह भी प्रभावित करता है।

शोधकर्ताओं ने 150 से अधिक प्रकार के ब्रेन ट्यूमर की पहचान की है। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ न्यूरोलॉजिकल सर्जन के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। वहीं ब्रेन ट्यूमर 150 से अधिक प्रकार के होते हैं। इन्हें मुख्य रूप से दो समूहों में बांटा गया है, पहला प्राइमरी और दूसरा मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

मस्तिष्क में शुरू होने और बढ़ने वाले ट्यूमर को प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। ये ट्यूमर से अलग होते हैं जो शरीर के अन्य हिस्सों से मस्तिष्क में फैलते हैं। ऐसे ट्यूमर को सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है। कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित होते हैं। कुछ ट्यूमर घातक हो सकते हैं। यूके नेशनल हेल्थ सर्विसेज (एनएचएस) के अनुसार, कैंसर और गैर-कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर के अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, कुछ लक्षण जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, लगातार बीमार महसूस करना, उल्टी, याद रखने में कठिनाई, व्यवहार में परिवर्तन, देखने और बोलने में समस्या सभी प्रकार के ब्रेन कैंसर में देखे जा सकते हैं।

ब्रेन ट्यूमर का सबसे घातक किस्म

विशेषज्ञों के अनुसार, 150 से अधिक प्रकार के ब्रेन ट्यूमर में ग्लियोब्लास्टोमा वयस्कों में सबसे घातक प्राथमिक कैंसर है। यह ट्यूमर मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में कोशिकाओं के बढ़ने के साथ-साथ बढ़ता है और बहुत तेजी से बढ़ता है। धीरे-धीरे यह स्वस्थ ऊतकों पर हमला करना शुरू कर देता है और उन्हें नष्ट कर देता है। ग्लियोब्लास्टोमा एस्ट्रोसाइट्स नामक कोशिकाओं से उत्पन्न होता है। यह तंत्रिका तंत्र से संबंधित है। खास बात यह है कि यह कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है।

कैसे पता लगाएं की ब्रेन ट्यूमर है ?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रेन से संबंधित किसी भी संदेह पर या किसी भी प्रकार का कोई न्यूरॉलॉजिकल डिसऑर्डर दिखाई देने पर न्यूरोलॉजिस्ट से जांच करवानी चाहिए। एक्स्पर्ट्स के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर या कैंसर के फैलने की संभावना कम होती है इसलिए अन्य कैंसरों की तरह इसके स्टेज नहीं होते हैं। ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने के लिए न्यूरोलॉजिकल टेस्ट, सीटी स्कैन, ब्रेन एमआरआई, पीईटी स्कैन या ब्रेन बायोप्सी की जा सकती है।