कैंसर दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है, जिसका समय पर पता न चले तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वर्ष 2020 में दुनियाभर में लगभग 1 करोड़ लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई थी। कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है और इनमें से एक प्रमुख प्रकार है ब्रेस्ट कैंसर, जो महिलाओं में सबसे आम कैंसर बन चुका है।
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से इज़ाफा हुआ है। पहले जहां यह बीमारी 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक देखने को मिलती थी, वहीं अब 30 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं। शहरी जीवन शैली, तनाव, असंतुलित डाइट और शारीरिक निष्क्रियता को इसके प्रमुख कारणों में गिना जा रहा है।
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में कैंसर के मरीजों की संख्या में और अधिक बढ़ोतरी की संभावना है। रिपोर्ट का अनुमान है कि भविष्य में हर 5 में से 1 पुरुष और हर 6 में से 1 महिला कैंसर से प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक लाइफस्टाइल में सुधार, नियमित जांच और समय पर इलाज ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है, इसलिए जल्द पहचान और समय पर रोकथाम पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। बीपीएल मेडिकल टेक्नोलॉजीज के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. श्रवण सुब्रमण्यम ने ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए कुछ खास टिप्स साझा किए है, अगर इन्हें अपनाया जाए तो समय रहते इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कौन से ऐसे उपाय हैं जो ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कर सकते हैं।
नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराएं
मैमोग्राफी (Mammogram) और क्लीनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लगाने के सबसे अच्छे तरीके हैं। डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि 40 साल की उम्र से हर साल इसकी जांच करानी चाहिए। अगर परिवार में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है तो यह जांच पहले या ज्यादा बार करानी चाहिए। कैंसर की जल्दी पहचान का मतलब है बेहतर इलाज और रिकवरी के ज्यादा अवसर,इसलिए लापरवाही न करें।
हर महीने खुद जांच (Self-Exam) करें
अपने ब्रेस्ट के सामान्य आकार, बनावट और बदलावों को पहचानना जरूरी है। हर महीने एक बार, पीरियड खत्म होने के कुछ दिन बाद, ब्रेस्ट की खुद जांच करें। अगर आपको गांठ, सूजन, मोटापा या किसी तरह का स्राव महसूस हो तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
फैमिली की हेल्थ हिस्ट्री जानें
अपनी मां, दादी, मौसी या बुआ से उनकी हेल्थ हिस्ट्री के बारे में बात करें। अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो आपको जल्दी और बार-बार जांच कराने की जरूरत हो सकती है। कुछ मामलों में डॉक्टर BRCA जीन टेस्ट या जेनेटिक काउंसलिंग की भी सलाह देते हैं।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
आपका खाना और दिनचर्या आपके ब्रेस्ट हेल्थ पर सीधा असर डालता है। डाइट में आप फल, सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर फूड लें। रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। शराब और धूम्रपान से परहेज करें और वजन को कम करें।
हार्मोनल हेल्थ को नजरअंदाज न करें
बर्थ कंट्रोल पिल्स,गर्भावस्था या मेनोपॉज जैसी स्थितियों में हार्मोनल बदलाव ब्रेस्ट टिश्यू को प्रभावित करते हैं। अगर आप लंबे समय तक हार्मोनल थेरेपी ले रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें और उसके जोखिमों को समझें। नियमित रूप से गायनेकोलॉजिस्ट या एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से चेकअप कराते रहें।
किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें
अगर ब्रेस्ट में लगातार दर्द, स्किन में डिंपल पड़ना, सूजन या असामान्य बदलाव दिखें तो इसे हल्के में न लें। ये हमेशा कैंसर के लक्षण नहीं होते, लेकिन इन्हें डॉक्टरी जांच की जरूरत जरूर होती है।
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