TB Patients in India: कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ते जा रहा है। देश में अब तक 800 से ज्यादा लोगों में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है। ये वायरस ज्यादातर उन्हीं लोगों को अपनी चपेट में ले रही है जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। ऐसे में हाई बीपी और डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। इस बीच, एक और बीमारी ऐसी है जिसके अधिकतर लक्षण कोरोना वायरस से मेल खाते हैं। इस बीमारी का नाम है टीबी, जिसके दुनिया भर में सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही हैं। ‘ओनली माय हेल्थ’ में छपी इस खबर के मुताबिक टीबी के मरीजों को भी इस समय बहुत जागरुक और सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि कफ, फीवर और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण अभी आम हैं।

क्या कहता है WHO: WHO की मानें तो कोरोना वायरस और टीबी दोनों ही स्थिति में सांस संबंधी परेशानी होती है। जहां टीबी की बीमारी में हवा से भी संक्रमण हो सकता है, वहीं कोरोना वायरस को लेकर अब तक इस चीज की पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, दोनों ही बीमारी में किसी के छींकने, खांसने या फिर बात तक करने से दूसरों में ये बीमारी फैल सकती है। इसलिए जरूरी है कि जिस तरह कोरोना वायरस के लिए छोटे से छोटे तबके को जागरुक किया जा रहा है, ठीक उसी तरह टीबी बीमारी को लेकर भी जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

सोशल डिस्टेंसिंग है जरूरी: कोरोना वायरस और टीबी के रोकथाम में सोशल डिस्टेंसिंग यानि कि सामाजिक दूरी बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के संपर्क में आने से दूसरे लोगों में इसके होने का खतरा बढ़ जाता है। ठीक वैसे ही टीबी से संक्रमित मरीजों से नजदीकी रखना भी खतरनाक हो सकता है। जिस तरह कोरोना वायरस के मरीजों और संदिग्धों को 14 दिन के लिए आइसोलेट किया जा रहा है, उसी तरह सभी टीबी के मरीजों को भी 14 दिनों के लिए आइसोलेट करना चाहिए ताकि वो किसी और को संक्रमित न कर सकें।

कैसे करें टीबी से बचाव: आम बजट में इस बार लक्ष्य रखा गया है कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाया जाएगा। टीबी एक जानलेवा बीमारी है, इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप बैसिलस कैलमेट-गुएरिन (BCG) का टीका लगवाएं। यह टीका टीबी के रोकथाम में कारगर माना गया है। इसके अलावा टीबी मरीजों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो मास्क पहन कर रहें ताकि उनके छींकने या फिर खांसने से ये रोग दूसरों को न फैले। टीबी की दवाई के कोर्स को बीच में कभी न छोड़ें। ‘गांव कनेक्शन’ की एक रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि सूर्य की रोशनी टीबी से लड़ने में कारगर है।