कोलेस्ट्रॉल एक मोमी जैसा पदार्थ है जो वसा यानी फैट का काम करता है। यह शरीर के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा होने पर हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल को लिपिड भी कहा जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल शरीर के ब्लड वेसल्स यानी धमनियों में जमने लगता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह हाई BP और दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। दरअसल, खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से इन दिनों हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है। अगर चलते या शारीरिक गतिविधि करते समय कुछ लक्षण दिखें, तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, चलते समय पैरों में दर्द, ऐंठन या सुन्नता हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेत हो सकते हैं। पैर में लगातार दर्द दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। जिन लोगों के अक्सर पैर में दर्द रहते हैं उन्हें हार्ट अटैक, दिल से जुड़ी दूसरी बीमारी, स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा रहता है।
पैरों में दर्द और भारीपन
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा हाई होने पर चलते समय पैरों में दर्द, भारीपन या सुन्न होने की समस्या हो सकती है। यह पैरों की धमनियों में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। इसके चलते पैरों में दर्द और चलने में दिक्कत हो सकती है।
जल्दी थकान महसूस होना
हाई कोलेस्ट्रॉल के चलते कम दूरी चलने या हल्का काम करने पर भी थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। यह ब्लड फ्लो सही न होने और ऑक्सीजन की कमी के कारण हो सकता है।
सीने में दर्द
अगर, तेज चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर सीने में दर्द या जकड़न महसूस हो रही है तो ये हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण हो सकता है। यह दिल तक ब्लड सप्लाई कम होने के कारण हो सकता है। इसके अलावा हल्का चलने पर भी सांस लेने में दिक्कत होती है, तो यह दिल पर अतिरिक्त दबाव का संकेत हो सकता है।
टखनों और पैरों में सूजन
ब्लड फ्लो ठीक से न होने पर पैरों और टखनों में सूजन आ सकती है। यह हाई कोलेस्ट्रॉल और खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत हो सकता है।
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