High Blood Pressure Symptoms: दांत दर्द या मसूड़ों में इंफेक्शन की परेशानी किसी भी उम्र में लोगों को परेशान कर सकती है। इसके कारण कभी खाने में परेशानी होती है तो कभी बोलना तक संभव नहीं हो पाता है। कई बार दांत दर्द और मसूड़ों की परेशानी से रातों की नींद तक उड़ जाती है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर डेंटल प्रॉब्लम्स पर ध्यान न दिया जाए तो ये बेहद कष्टदायी हो सकते हैं। वहीं, हाल में हुए एक शोध में ये खुलासा हुआ है कि मसूड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों में उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक होता है।

हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी (High Blood Pressure Disease) में मरीज के शरीर में खून का बहाव बहुत तेजी से होता है जिसकी वजह से उसका मन विचलित रहता है और कई अन्य परेशानियां भी सहनी पड़ती हैं। जो लोग लंबे समय से उच्च रक्तचाप के मरीज हैं उनमें हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा रहता है। ऐसे में इससे जुड़े लक्षणों को समझना जरूरी है। आइए जानते हैं –

मसूड़ों में संक्रमण और ब्लड प्रेशर: लंदन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के दावों के अनुसार मसूड़ों की बीमारी पीरियोडॉन्टाइटिस के मरीजों का रक्तचाप करीब 2.3 गुना बढ़ा हुआ था। इस रोग में मसूड़ों से खून निकलने लगता है और दांत कमजोर होने लगते हैं। इस शोध के मुताबिक पीरियोडॉन्टाइटिस से जूझ रहे 250 में से 14 फीसदी मरीजों में उच्च रक्तचाप की समस्या देखी गई है।

दांत की इस समस्या से जूझ रहे लोगों में रक्तचाप बढ़ने का खतरा दोगुना होता है। मसूड़ों में दर्द और सूजन के कारण शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की अधिकता और गुड कोलेस्ट्रॉल की कमी होती है। इस कारण उनमें हाई बीपी का खतरा ज्यादा होता है।

जानें दूसरे लक्षण: आमतौर पर उच्च रक्तचाप के मरीजों में लक्षण जल्दी नजर नहीं आते हैं। इसी कारण हाई बीपी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हालांकि, कुछ शारीरिक बदलावों को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को ब्रश करने के बाद मसूड़ों से खून निकले या फिर लंबे समय से दांत में दर्द है तो बीपी चेक कराएं। मसूड़ों में सूजन, लालीपन या फिर बैंगनी होना भी उच्च रक्तचाप का संकेत होता है। साथ ही, मसूड़ों को छूने या खाने-पीने के समय दर्द या चुभन हाई बीपी के कारण हो सकता है।