खराब खानपान, अनियमित जीवन-शैली और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण आज के लोग कई तरह की खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। कुछ लोगों को अक्सर हाथों, पैरों और जोड़ों में सूजन और दर्द रहता है, हालांकि वह इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और इस समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह सूजन और दर्द हाई यूरिक एसिड के कारण भी हो सकता है।
दरअसल, यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है, जो शरीर में प्यूरीन नाम के तत्व के टूटने से बनता है। यूं तो अधिकतर यूरिक एसिड किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद बॉडी से फ्लश आउट हो जाता है, लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है तो किडनी भी इसे फिल्टर नहीं कर पाती। जिसके कारण यूरिक एसिड क्रिस्टल्स के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इक्ट्ठा हो जाता है। हाई यूरिक एसिड को मेडिकल टर्म में हाइपरयूरीसीमिया कहा जाता है।
यूरिक एसिड के लक्षण: गंभीर मामलों में हाई यूरिक एसिड के कारण किडनी फेलियर, हार्ट अटैक और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर की स्थिति भी पैदा हो सकती है। हालांकि, शुरुआती तौर पर हाथ-पैरों में सूजन, जोड़ों में दर्द, जोड़ों पर लालिमा आ जाना, उठने-बैठने और चलने-फिरने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। साथ ही दैनिक कार्यों को करने में भी दिक्कत आती है। यदि आप भी नियमित तौर पर जोड़ों के दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं तो यूरिक एसिड की जांच करवा सकते हैं।
बचाव के उपाय: हाई यूरिक एसिड के मरीजों को अपने खानपान का ध्यान रखने की बेहद ही जरूरत होता है। हाई यूरिक एसिड के मरीजों को ऐसी चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए, जिनमें प्यूरीन की अधिक मात्रा होती है। ऐसे में उन्हें रेड मीट, सी फूड, दाल, राजमा, पनीर और चावल आदि खाने से परहेज करना चाहिए। साथ ही सिगरेट और शराब आदि चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए।
शुगरी फूड्स से बचें: हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यूरिक एसिड के मरीजों को मीठे फूड्स के सेवन से बचना चाहिए। उन्हें सोडा, कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, चाय और कॉफी आदि चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।