भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) अपने साथी बुच विल्मोर (Butch Wilmore) के साथ स्पेस में फंसी हुई हैं। बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बीते 5 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए निकले थे। उनका मिशन महज 10 दिनों का ही था लेकिन आज उन्हें वहां पूरे 59 दिन हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के चलते दोनों एस्ट्रोनॉट की वापसी में दिक्कतें हो रही हैं। इस बीच सुनीता विलियम्स को लेकर एक परेशान कर देने वाली खबर भी सामने आ रही है।
बताया जा रहा है कि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण यानी ग्रेविटी की कमी की वजह से सुनीता विलियम्स का मसल मास और बोन डेंसिटी कम हो रही है। आइए जानते हैं ये स्थिति कितनी खतरनाक हैं-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई खास बातचीत के दौरान ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल, एलबी नगर, हैदराबाद की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. श्रीनिवासाचार्य अवंचा ने बताया, ‘मांसपेशियों का नुकसान यानी सरकोपेनिया (sarcopenia) और बोन डेंसिटी कम होना यानी ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) की स्थिति स्पेस या धरती दोनों ही जगहों पर व्यक्ति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।’
डॉ. अवंचा के मुताबिक, ‘पृथ्वी पर सरकोपेनिया के चलते व्यक्ति की स्ट्रेंथ कम होने लगती है, बैलेंस बिगड़ने लगता है, साथ ही गतिशीलता भी कम हो जाती है, जिसके चलते अचानक गिरने या फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी ओर ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनके टूटने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।’
स्पेस में कितनी खतरनाक हैं ये स्थिति?
इस सवाल को लेकर डॉ. अवंचा बताते हैं, ‘धरती के मुकाबले स्पेस में खतरा अधिक होता है। ग्रेविटी की कमी के चलते स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स की मांसपेशियां बहुत तेजी से कमजोर होती हैं। अंतरिक्ष में हड्डियां जल्दी मिनरल्स खासकर कैल्शियम खोती हैं और यही वजह है कि वहां तेजी से हड्डियों के घनत्व और मांसपेशियों की ताकत में कमी आने लगती है। इसके चलते स्पेस से वापस आने पर भी एस्ट्रोनॉट्स को कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।’
क्या है बचाव का तरीका?
डॉ. अवंचा बताते हैं, ‘जिस तरह पृथवी पर इन दोनों स्थिति से उभरने के लिए सही डाइट और नियमित एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है, ठीक उसी तरह स्पेस में मौजूद होने पर डाइट और खासकर एक्सरसाइज पर ध्यान देना जरूरी होता है। यानी अगर स्पेस में होने पर सही तरह एक्सरसाइज की जा सके, साथ ही जरूरी पोषक तत्वों को लिया जा सके, तो सरकोपेनिया और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम किया जा सकता है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।