सुबह सोकर उठने के बाद आंखों में हल्की चुभन या आंखों से पानी आना एक सामान्य बात है। किसी भी उम्र के लोगों को इस तरह की स्थिति कुछ हद तक परेशान कर सकती है। ऐसा होने पर आंखों को ठंडे पानी से धोने से राहत भी मिल जाती है। हालांकि, अगर लंबे समय से आपकी आंखों से सफेद चिपचिपा डिस्चार्ज हो रहा है, इसके साथ ही आंखों में तेज जलन का अहसास है, तो ये किसी गंभीर परेशानी की ओर इशारा भी हो सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
क्यों निकलता है आंखों से गंदा पानी?
बता दें कि समय-समय पर आंखों से गंदा या चिपचिपा मिश्रण निकलना आम बात है। ऐसा धूल-मिट्टी के संपर्क में ज्यादा आने या त्वचा के तेल और नींद के दौरान आंखों से उत्पन्न आंसुओं का मिश्रण बनने के चलते हो सकता है। हालांकि, अगर आई डिस्चार्ज ज्यादा हो रहा है और इसके चलते आपको आंखें खोलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो ये आंखों से जुड़ी कुछ बीमारियों की ओर इशारा हो सकता है।
हो सकते हैं ये कारण-
कंजंक्टिवाइटिस
कंजंक्टिवाइटिस आंखों का इन्फेक्शन है, जिसे आम भाषा में ‘आंख आना’ कहा जाता है। इसके अलावा इसे पिंक आई, रेड आई भी कहते हैं। कंजंक्टिवाइटिस होने पर सबसे पहले आंखों से पानी आने की समस्या का सामना ही करना पड़ता है, इसके साथ ही आंखों में हल्की चुभन भी परेशान करने लगती है। वहीं, समय रहते अगर इसपर ध्यान न दिया जाए तो धीरे-धीरे आंखों के सफेद भाग में इंफेक्शन फैलने लगता है, जिसके चलते पीड़ित को देखने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, साथ ही बार-बार ऐसा महसूस होता है कि जैसे आपकी आंखों में कुछ चला गया है।
बीते कुछ समय पहले ही भारत में एक साथ कंजंक्टिवाइटिस के कई मामले सामने आए थे। इस दौरान इसकी गंभीर स्थिति भी देखने को मिली। ऐसे में अगर आप लंबे समय से इस परेशानी से जूझ रहे हैं और कई घरेलू नुस्खे अपनाने के बाद भी आपको राहत नहीं मिल रही है, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
ब्लेफेराइटिस
पलकों पर आई सूजन या इन्फेक्शन को ब्लेफेराइटिस कहते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आईलिड यानी पलकों में मौजूद छोटी ग्रंथियों में इन्फेक्शन होने के कारण ब्लेफेराइटिस होता है। वहीं, इस स्थिति में भी आपको आंखों से चिपचिपा पानी आने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पलकों की ग्रंथियों में इन्फेक्शन होने के कारण उनसे रिसाव होने लगता है। ये रिसाव पलक के ऊपर जमा हो जाता है, इससे पलकों और आंखों के आसपास पपड़ी बनने लगती है। वहीं, वैसे तो ब्लेफेराइटिस से कोई डायरेक्ट हेल्थ रिस्क नहीं होता है, लेकिन अगर ग्रंथियों में सूजन का इलाज न हो, तो लंबे समय पर आंखों में जलन, सूजन, खुजली, आंखों की नमी कम हो जाना, लाली या आंखों में मिट्टी जाने का एहसास आपको परेशान कर सकता है।
आंसू नली में रुकावट
इन सब के अलावा आंसू नली में रुकावट के चलते भी ऐसा हो सकता है। इस तरह की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है। आंसू की नलिका में रुकावट या ज्यादा आंसू बनने की वजह से आंखों से चिपचिपा और गाढ़ा रिसाव होना प्रथम लक्षण है। इसके अलावा इस दौरान आंखों के आसपास तेज दर्द का अहसास भी होता है। इस स्थिति में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है, खासकर धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से बचें और समय रहते एक बार आंखों की जांच जरूर करा लें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।