पुरुषों में इनफर्टिलिटी (बांझपन) इंपोटेंस यानी कि नपुंसकता की वजह से पुरूषों में इरेक्शन और स्खलन से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं। इसे भी एक प्रकार का इरेक्टाइल डिस्फंक्शन माना जाता है। इनफर्टिलिटी के कई कारण हो सकते हैं। यह मनोवैज्ञानिक और शारीरिक कारणों से भी हो सकता है। दरअसल पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की कमी के कारण ही उसकी महिला साथी के गर्भवती होने की संभावना को कम करता है। यदि पुरुष के स्पर्म में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम शुक्राणु हैं तो यह संख्या सामान्य से कम मानी जाती है।

बढ़ती उम्र के साथ बांझपन का खतरा भी बढ़ता जाता है। इन मामलों में ऐसा अक्सर देखा गया है कि नपुंसकता से ग्रस्त लोगों में पढ़े लिखे लोगों की संख्या काफी कम होती है। ऐसा उनके स्वस्थ खान-पान और जीवनशैली की वजह से होता है। इनफर्टिलिटी की वजह से अक्सर लोगों में तनाव, अवसाद और कमजोर आत्मविश्वास की समस्या उत्पन्न हो जाती है। आइए, इस बात पर नजर डालते हैं कि किन वजहों से लोग इस समस्या का शिकार होते हैं।

पुरुषों में पाए जाने वाले वाई क्रोमोसोम (गुणसूत्र) में कई जीन होते हैं जो शुक्राणुओं के उत्पादन और उनकी गुणवत्ता में भूमिका निभाते हैं। वाई गुणसूत्रों में ये जीन्स किसी वजह से विलुप्त या नष्ट होने लगते हैं। तो ऐसे में शुक्राणु उत्पादन में कमी होने लगती है जो अंततः पुरुषों में बांझपन को जन्म दे सकती है।

प्रदूषण है जिम्मेदार: स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लवली जेठवानी के अनुसार हवा की ख़राब गुणवत्ता के कारण जब हम सांस लेते हैं तो हवा में मौजूद पर्टिकुलेट मैटर अपने साथ पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन को लेकर हमारे अंदर प्रवेश कर जाते हैं। यह पुरुष के शुक्राणुओं के लिए नुकसानदायक होते हैं। सिर्फ स्पर्म काउंट कम होने के लिए प्रदूषण ही जिम्मेदार नहीं इसके अलावा व्यक्ति को सिगेरट शराब से भी दूर रहना चाहिए। (यह भी पढ़ें- स्पर्म काउंट बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं ये 4 फूड्स, आज ही अपने डाइट में करें शामिल)

दिल संबंधी समस्या: अगर आपको हृदय संबंधी समस्या है और आपका दिल ब्लड को ठीक तरह से पंप नहीं कर पा रहा है, तो ऐेसे में भी नपुंसकता आपको अपना शिकार बना सकती है।

लाइफस्टाइल और मनोवैज्ञानिक विकार: अगर किसी व्यक्ति को किसी भी तरह का इमोशनल डिसऑर्डर है तो इस वजह से उसके सेक्सुअल एक्साइटमेंट पर बुरा असर पड़ता है। अवसाद और चिंता नपुंसकता के खतरे को बढ़ाने वाली समस्याएं होती हैं।  (यह भी पढ़ें- स्पर्म काउंट बढ़ाने में मददगार हैं बाबा रामदेव के ये 5 टिप्स, जानिए)

धूम्रपान: धूम्रपान शुक्राणु की मात्रा, उनकी संख्या और गतिशीलता को प्रभावित करता है। जिसके फलस्वरूप सिगरेट पीने वाले पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम होने का पता चला है। धूम्रपान से सीमेन की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है जिसके स्पर्म काउंट इन-एक्टिव होने लगते हैं। इसलिए पुरुषों को धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।