सेक्स मनुष्य जीवन का एक हिस्सा है। सेक्सुअल इंटरकोर्स के जरिये ही बच्चे का जन्म होता है। पुरुष के स्पर्म यानी वीर्य में मौजूद शुक्राणु की काफी अहमियत होती है, क्योंकि सेक्स के दौरन यही फीमेल एग्स के साथ मिलकर गर्भ में बच्चे को तैयार करते हैं। लेकिन आजकल पुरुषों की प्रजनन क्षमता धीमी हो जाती है, जिसके कारण महिला को बच्चा कंसीव करने में समस्या आती है।
दरअसल पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की कमी के कारण ही उसकी महिला साथी के गर्भवती होने की संभावना को कम करता है। यदि पुरुष के स्पर्म में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम शुक्राणु हैं तो यह संख्या सामान्य से कम मानी जाती है। युवाओं में स्पर्म काउंट कम होने का कारण उनके हेल्थ और लाइफ स्टाइल फैक्टर्स हैं। लेकिन अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रखकर अपने स्पर्म काउंट में आप वृद्धि कर सकते हैं।
प्रदूषण है जिम्मेदार: स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लवली जेठवानी के अनुसार हवा की ख़राब गुणवत्ता के कारण जब हम सांस लेते हैं तो हवा में मौजूद पर्टिकुलेट मैटर अपने साथ पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन को लेकर हमारे अंदर प्रवेश कर जाते हैं। यह पुरुष के शुक्राणुओं के लिए नुकसानदायक होते हैं। सिर्फ स्पर्म काउंट कम होने के लिए प्रदूषण ही जिम्मेदार नहीं इसके अलावा व्यक्ति को सिगेरट शराब से भी दूर रहना चाहिए।
मोटापा भी है कारण: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कम शुक्राणुओं की संख्या शरीर में फैट जमने और बीएमआई अधिक (बॉडी मास इंडेक्स) होने से भी होती है। टेस्टोस्टेरोन ही शुक्राणु उत्पादन को बढ़ाता है लेकिन मोटापा के कारण टेस्टोस्टेरोन के स्तर (Testosterone levels) में कमी आती है। इसलिए जिन लोगों का वजन अधिक है उन लोगों को वजन कम करना चाहिए, जिससे स्पर्म काउंट बढ़ेगा और उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। (यह भी पढ़ें- स्पर्म काउंट बढ़ाने में मददगार हैं बाबा रामदेव के ये 5 टिप्स, जानिए)
धूम्रपान: धूम्रपान शुक्राणु की मात्रा, उनकी संख्या और गतिशीलता को प्रभावित करता है। जिसके फलस्वरूप सिगरेट पीने वाले पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम होने का पता चला है। धूम्रपान से सीमेन की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है जिसके स्पर्म काउंट इन-एक्टिव होने लगते हैं। इसलिए पुरुषों को धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।
डायबिटीज: टाइप 2 डायबिटीज संबंध कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर और बांझपन से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के साथ बढ़ते वजन को भी कंट्रोल करना चाहिए। ऐसा करने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार हो सकता है और स्पर्म काउंट भी बढ़ सकता है। (यह भी पढ़ें- स्पर्म काउंट बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं ये 4 फूड्स, आज ही अपने डाइट में करें शामिल)
अल्कोहल का सेवन: अजमेर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लोकेश कुमार मीणा के मुताबिक पुरुषों में सबसे मुख्य हार्मोन टेस्टोस्टेरोन (testosterone) माना जाता है। इसी हार्मोन के कारण पुरुष में स्पर्म अच्छी क्वॉलिटी का होना, बोन व मसल्स का बढ़ना, मस्कुल बॉडी आदि फंक्शन होते हैं। क्योंकि अगर आप एल्कोहल का सेवन करेंगे तो लिवर पर बुरा असर पड़ेगा जिसके कारण एंड्रोजन हॉर्मोन, एस्ट्रोजन में बदल जाएगा। इससे इंफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या बढ़ जाएगी। मतलब की आपको आगे चलकर पिता बनने का सुख नहीं मिलेगा।
