खर्राटे लेना एक आम समस्या है। हालांकि, कई बार लोग सोते समय इतनी तेज आवाज में खर्राटे लेते हैं, जिससे उनके पार्टनर या साथ सोने वाले लोगों की नींद में खलल पड़ने लगती है। वहीं, अगर आपको भी अक्सर इस तरह की परेशानी से दो-चार होना पड़ता है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। यहां हम आपको 5 ऐसी टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आजमाकर आप खर्राटों की समस्या को जल्द दूर कर सकते हैं।

इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर खर्राटे आते क्यों हैं-

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब आप गहरी नींद में होते हैं, तब कई बार सांस लेते समय श्वसन तंत्र में रुकावट पैदा होने लगती है। इस स्थिति में सोते समय सांस लेते और छोड़ते वक्त हमारी गर्दन और सिर के सॉफ्ट टिशू रिलैक्स होकर वाइब्रेट होते हैं और इससे यह अनचाही आवाज पैदा होने लगती है।

आसान भाषा में समझें तो सोते समय हवा के जाने का रास्ता आराम की स्थिति में होता है, इसके चलते हवा को अंदर और बाहर जाने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है, जिसकी वजह से सॉफ्ट टिशू में कंपन पैदा हो जाती है और खर्राटे की आवाज आने लगती है। वहीं, अगर आपका पार्टनर भी सोते समय तेज आवाज में खर्राटे लेता है, तो यहां हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, ये टिप्स इस परेशानी को दूर करने में आपकी मदद कर सकती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

बदल दें करवट

अगर आपका पार्टनर पीठ के बल सीधा लेटा है और इस दौरान वह तेज आवाज में खर्राटे ले रहा है, तो उन्हें करवट बदलने की सलाह दें। दरअसल, कई बार पीठ के बल लेटने पर आपकी जीभ, थुड्डी और थुड्डी के नीचे के वसायुक्त ऊतक, ये सब एयरवे में रुकावट पैदा करने लगते हैं। ऐसे में खर्राटे लेने की परेशानी हो सकती है।

जैतून का तेल

कई बार नाक में सूजन भी या बंद नाक भी खर्राटों का कारण बन सकती है। इस स्थिति में सोने से पहले नाक में जैतून के तेल की 4 से 5 बूंद डालकर आप खर्राटों की समस्या को दूर कर सकते हैं। दरअसल, जैतून के तेल में सूजनरोधी गुण होते हैं, जिसके कारण सांस लेना आसान हो जाता है और खर्राटों की स्थिति में राहत मिलती है।

शराब से बनाएं दूरी

सोने से पहले शराब का सेवन भी खर्राटों का कारण बन सकता है। दरअसल, शराब गले की मांसपेशियों को संकुचित कर देती है, जिसकी वजह से खर्राटे आना आम हो जाता है। खासकर सोने से करीब 4 से 5 घंटे पहले शराब पीने से खर्राटे आने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।

समय-समय पर बदलते रहें तकिए का कवर

अधिकतर लोग समय-समय पर बेडशीट बदलना याद रखते हैं, लेकिन इस दौरान तकिए के कवर को बदलना भूल जाते हैं। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो बता दें कि समय के साथ आपके तकिए में धूल और सिर का ऑयल चिपकने लगता है। वहीं, नमी के संपर्क में आने पर इसमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो सोते समय आपके नाक या मुंह के जरिए शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं, ये अस्थमा के मरीजों के लिए बहद हानिकारक साबित हो सकते हैं। साथ ही तकिए में धूल के कण और बैक्टीरिया के कारण भी आपको खर्राटे आने की परेशानी से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में समय-समय पर तकिए के खोल को धोकर धूप में जरूर सुखाएं, साथ ही हर 3 से 6 महीने के अंदर एक बार तकिए की सफाई भी जरूर कर लें।

हाइड्रेटेड रहें

इन सब के अलावा शरीर में पानी की कमी, सूखा गला भी खर्राटों का कारण बन सकता है। ऐसे में तरल पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें और खुद को हाइड्रेटेड रखें। डिहाइड्रेशन होने पर नाक और तालू चिपचिपे हो जाते हैं और इसकी वजह खर्राटे ज्यादा आते हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए आप सोने से पहले हल्का गुनगुना पानी, नारियल पानी, छाछ, आदि का सेवन कर सकते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।