snoring causes and health risks: अत्यधिक थकान से कभी-कभी गहरी नींद और नाक से खर्राटे आने लगते हैं। यह एक सामान्य स्थिति है। लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या लगातार और रोजाना रहती है। अगर आप सोते समय खर्राटे ले रहे हैं तो आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार खर्राटे लेने वाले लोगों को अपनी स्थिति के बारे में पता भी नहीं चलता है। लेकिन जो उसके साथ सोता है उसके लिए यह बहुत परेशानी का कारण बन सकता है। हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि जो लोग खर्राटे लेते हैं उनमें कैंसर का खतरा अधिक होता है।

नींद के दौरान हवा या वायुमार्ग में रुकावट के कारण खर्राटे आते हैं। यह एक स्लीप डिसऑर्डर है जिसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) कहा जाता है। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द ऐडवांसमेंट ऑफ साइंस (American Association for the Advancement of Science (AAAS) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि स्लीप डिसऑर्डर वाले लोगों की नसों में रक्त के थक्कों का खतरा अधिक होता है, जो जीवन के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है।

खर्राटों के कारण

आपके मन में भी यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर खर्राटे लेने के पीछे क्या कारण होते हैं। तो यह समस्या कैसे शुरू होती है। ऐसी कौन सी बातें हैं जो इस समस्या की जड़ मानी जाती हैं? आइए इस पर भी एक नजर डालते हैं।

  • मोटापा
  • सर्दी
  • एलर्जी
  • सोने से पहले शराब पीना
  • टॉन्सिल
  • एडेनोइड्स का इज़ाफ़ा
  • सोने की स्थिति
  • नाक से संबंधित परेशानी
  • पर्याप्त नींद न लेने जैसे कारणों से खर्राटे आ सकते हैं।

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एनसीबीआई के अनुसार, खर्राटों से स्ट्रोक का खतरा 46 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में खर्राटे लेना एक बुरी आदत से कहीं अधिक है। वेबमेड के अनुसार, यह अर्टरी डैमेज होने का संकेत भी हो सकता है, जबकि जो लोग खर्राटे लेते हैं या सांस लेने में अन्य समस्याएं होती हैं, उनमें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक होता है। साथ ही, आप जितने छोटे हैं, जोखिम उतना ही अधिक है। इसलिए अगर आपको खर्राटे लेने की आदत है तो इसका तुरंत इलाज कराएं।

पेपरमिंट तेल

पेपरमिंट ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो आपकी नाक और श्वसन तंत्र (Respiratory System) को साफ करने में मदद कर सकता है। यह खर्राटों और हल्के स्लीप एपनिया से जुड़े लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। इसके लिए पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को पानी में मिलाएं और सोने से पहले इस पानी से गरारे जरूर करें।

काली मिर्च

काली मिर्च बंद नाक को खोलने में मदद करती है, बंद नाक खर्राटों का एक प्रमुख कारण है। काली मिर्च, इलायची, जीरा और दालचीनी को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। इस चूर्ण को दिन में कई बार सूंघने से खर्राटे से राहत मिलती है।

जैतून तेल

सोने से पहले एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदों को पीने से खर्राटों से राहत मिल सकती है। यह तेल गैस या श्वसन पथ को चिकना करता है और उसकी रुकावट को दूर करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह गले की मांसपेशियों को सोते समय गले में बाधा डालने से भी रोकता है।

तकिये का करें इस्तेमाल

जब आप अपनी पीठ के बल सोते हैं तो खर्राटे आने की संभावना अधिक होती है। इससे जीभ गले के पीछे की ओर चली जाती है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है, यही खर्राटों की आवाज का कारण बनता है। ऐसे मामलों में खर्राटों को रोकने के लिए एक तरफ सोने की सलाह दी जाती है।