डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एक दर्जन से ज्यादा देशों में मंकी पॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं। इस वायरस का स्वरूप तेजी से फैलता हुआ नजर आ रहा है। अब मंकीपॉक्स ने एशिया में भी अपना कदम रख दिया है। एशिया में थाईलैंड में इस वायरस के पहुंचने की पुष्टि की जा चुकी है। थाईलैंड की हेल्थ मिनिस्ट्री के डिजीज कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस उत्परिवर्तित वैरिएंट की ‘क्लेड आइबी’ के रूप में पुष्टि की है। एशियाई देशों में इस वायरस से बचाव करने का तरीका भी ढूंढ निकाला है। चीन से लेकर भारत तक इस वायरस पर चौकन्ने हो चुके हैं।
मंकीपॉक्स का अभी तक कोई इलाज नहीं है लेकिन आम तौर पर मरीजों का इलाज करने के लिए चेचक के टीके का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या मंकी पॉक्स और चेचक एक जैसी बीमारी है जो मंकीपॉक्स को ठीक करने में चेचक का टीका असर कर रहा है।
सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन की निदेशक डॉ. मनीषा अरोड़ा ने बताया कि मंकी पॉक्स और चेचक अलग-अलग वायरस के कारण होते हैं और उनका निदान भी अलग-अलग होता हैं। मंकीपॉक्स मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जबकि चेचक वेरियोला वायरस के कारण होता है। हालांकि दोनों ऑर्थो पॉक्स वायरस जींस से संबंधित हैं, मंकीपॉक्स आमतौर पर चेचक की तुलना में हल्का होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि मंकीपॉक्स और चेचक के लक्षण क्या एक जैसे हैं? मंकी पॉक्स की बीमारी में चेचक का टीका कैसे असर करता है और इस बीमारी से कैसे करें बचाव।
मंकी पॉक्स और चेचक के लक्षण एक जैसे हैं क्या?
दोनों बीमारियों के बीच प्रमुख अंतरों की बात करें तो मंकी पॉक्स में लिम्फैडेनोपैथी में सूजन हो जाती है जो चेचक में नहीं होती है। मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों की चेचक की तुलना में मौत कम होती है। चेचक में तेज बुखार और गंभीर दाने होते हैं और अक्सर मौत हो जाती है। मंकीपॉक्स गंभीर होने के बावजूद भी अधिक अनुकूल रिजल्ट देता है।
मंकीपॉक्स के लिए चेचक के टीके का उपयोग क्यों किया जाता है?
मंकीपॉक्स की बीमारी के लिए कोई खास टीका अभी विकसित नहीं हुआ है इसलिए इस बीमारी का उपचार चेचक के टीके से किया जाता है। मंकीपॉक्स वायरस और वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है) के बीच गहरा संबंध है। एक्सपर्ट ने बताया कि चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ असर कर रहा है और मरीजों को कुछ हद तक सुरक्षा पहुंचा रहा है जिसकी वजह से इस टीके का इस्तेमाल मंकीपॉक्स का इलाज करने में किया जा रहा है।
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए इन तरीकों को अपनाएं
साफ सफाई का ध्यान रखें। बार-बार हाथ धोने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने से इन वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है।
लोगों से दूरी बनाकर रहें। निकट संपर्क से बचें। संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहना और उन जानवरों के साथ संपर्क से बचना इस बीमारी के फैलने के जोखिम को कम कर सकता है।
टीकाकरण कराना बेहद जरूरी है।