गर्मी के मौसम में लगातार हाई तापमान नए रिकॉर्ड बना रहा है। गर्मियों में सेहत से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ जाती हैं और इनसे बचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। खासतौर से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए गर्मी का मौसम काफी चैलेंजिंग होता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को गर्मियों में अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। भारत में पिछले पांच सालों में हर साल गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक रूप से हाई टेंपरेचर के औसतन छह दिन दर्ज किए गए। अमेरिका में मौजूद साइंटिस्ट और कम्युनिकेटर्स के एक ग्रुप की तरफ से की गई स्टडी के मुताबिक, भारत में पिछले पांच सालों में हर साल गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक रूप से हाई टेंपरेचर के औसतन छह दिन दर्ज किए गए। ईएसआई, अस्पताल दिल्ली, गाइनेकोलॉजिस्ट, डॉ. संघमित्रा ने बताया कि गर्मियों के मौसम में प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का कैसे ध्यान रखना चाहिए।

रिसर्च के मुताबिक, प्रेग्नेंसी हीट रिस्क डे में बढ़ोतरी का पता लगाने के लिए 2020 से 2024 तक 247 देशों के 940 शहरों में डेली टेंपरेचर का विश्लेषण किया। रिसर्चर्स के मुताबिक, इस समय के दौरान भारत में हर साल औसतन छह दिन गर्मी से सबसे ज्यादा खतरनाक रहे। इस स्टडी में यह भी कहा गया है कि जलवायु में बदलाव की वजह से भारत में 2020-2024 के दौरान गर्भावस्था में प्रेग्नेंसी हीट रिस्क डे की औसत वार्षिक संख्या में लगभग एक तिहाई की बढ़ोतरी हुई है। यह कुल 19 दिनों में से छह दिन और बढ़ गए हैं।

सिक्किम में प्रेग्नेंसी हीट रिस्क डे सबसे ज्यादा

सिक्किम में जलवायु परिवर्तन की वजह से प्रेग्नेंसी हीट रिस्क डे की संख्या सबसे ज्यादा 32 दर्ज की गई। गोवा में यह 24 और केरल में 18 दर्ज किए गए। पणजी में पिछले पांच सालों में हर एक साल प्रेग्नेंसी हीट रिस्क डे की सबसे ज्यादा औसत संख्या 39 देखी गई। इसके बाद तिरुवनंतपुरम में ऐसे 36 दिन रहे। मुंबई में 2020-2024 के दौरान जलवायु परिवर्तन की वजह से प्रेग्नेंसी हीट रिस्क डे 26 देखे गए।

जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही गर्मी

ज्यादा गर्मी अब दुनिया भर में गर्भवती लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक खतरों में से एक है। जलवायु परिवर्तन के कारण ज्यादा गर्मी बढ़ रही है और दुनिया भर में स्वस्थ गर्भधारण की संभावनाएं कम हो रही हैं, खास तौर पर उन जगहों पर जहां पहले से ही देखभाल की पहुंच मुश्किल है। जलवायु परिवर्तन का असर मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है।

गर्मी में प्रेग्नेंट महिलाएं कैसे रखें ख्याल

गाइनेकोलॉजिस्ट, डॉ. संघमित्रा रावत ने बताया कि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए गर्मी का मौसम काफी चैलेंजिंग होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ज्यादा गर्मी लगती है। इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं को हीट एग्जॉशन हो सकता है। डॉक्टर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं का ब्लड वॉल्यूम ज्यादा होता है, जिसकी वजह से उन्हें पसीना ज्यादा आता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी होने के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस भी बिगड़ सकता है। गर्मियों में महिलाओं को हाइड्रेट रहने के लिए एक दिन में 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही नींबू पानी, नारियल पानी और तरबूज का सेवन करना भी लाभकारी होता है।

एक्सपर्ट के अनुसार, गर्मियों के मौसम गर्भवती महिलाओं को रंग-बिरंगी सब्जियां खानी चाहिए। इसके अलावा मसालेदार, तला-भुना और ऑयली फूड्स से दूरी बनानी चाहिए। इससे डाइजेशन की समस्या अधिक हो सकता है।