Diabetes Early Symptoms: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के शरीर को धीरे-धीरे अपनी चपेट में लेती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों की दैनिक आदतें और उनका खानपान भी इस गंभीर बीमारी के खतरो को कम करने में कारगर है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक भारत में 9.8 करोड़ लोग टाइप 2 डायबिटीज के घेरे में होंगे। सरकारी आंकड़ों की मानें तो भारतीय व्यस्कों में 12 से 18 प्रतिशत डायबिटीज का खतरा बढ़ा है। ये आंकड़ा खासकर अर्बन इलाकों में रहने वाले लोगों को लेकर बताया गया है। ऐसे में लोगों को अपनी आदतों को लेकर सतर्क रहना चाहिए जो अनजाने में ही उनमें डायबिटीज के खतरे को बढ़ाती है।

घंटों तक बैठे रहना: आज के समय में लोगों में शारीरिक असक्रियता अधिक पनपने लगी है। टीवी देखते हुए या वर्क फ्रॉम होम के दौरान लैपटॉप के सामने घंटों बैठे रहना उनकी मजबूरी बन चुकी है। हालांकि, काफी देर तक बैठना भी मधुमेह रोग का खतरा बढ़ाने में सहायक है। एक शोध के मुताबिक हर एक घंटा खाली बैठे रहना डायबिटीज के विकसित होने के खतरे को 3.4 फीसदी तक बढ़ाता है।

ज्यादा कॉफी पीना: डायबिटीज के मरीजों के लिए कॉफी का सेवन अच्छा माना गया है। लेकिन एक दिन में 2 कप से ज्यादा कॉफी पीने से आम व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इससे शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस पर असर होता है जिससे बॉडी में ग्लूकोज अधिक मात्रा में प्रोड्यूस होने लगता है। अचानक भले ही आपको इसका असर शरीर में न दिखे लेकिन समय के साथ ये डायबिटीज के खतरे में वृद्धि करती है।

ओवरईटिंग: ज्यादा खाने से शरीर में कैलोरीज की मात्रा भी अधिक हो जाती है जिससे लोग मोटापा से पीड़ित हो जाते हैं। बता दें कि मोटे लोगों में डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।

खर्राटा: सोते समय ज्यादा खर्राटे लेना स्लीप एपनिया का संकेत हो सकता है। इससे तनाव व चिड़चिड़ाहट होती है जो शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंस पैदा करता है। इस कारण बॉडी में इंसुलिन का उत्पाद भी प्रभावित होता है और लोग मधुमेह से पीड़ित हो जाते हैं।

विटामिन डी की कमी: इस लॉकडाउन में कई लोग घर में ही दुबके रहे जिस कारण सूर्य की संपर्क में आने का मौका उन्हें नहीं मिला। एक अध्ययन के मुताबिक विटामिन डी की कमी जिन लोगों में होती है उनमें डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस विटामिन की कमी से ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है।