आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान के चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो रही हैं। हालांकि, किसी भी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्या होती है तो उससे पहले ही हमारे शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। अगर, शरीर में कुछ छोटे-छोटे बदलाव दिख रहे हैं, तो उन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। ये संकेत गंभीर बीमारी होने से पहले ही शरीर को बता देते हैं। चलिए आपको बताते हैं ऐसे में जीभ सफेद होना, टखनों में सूजन, सिर पर पपड़ी बनना जैसे लक्षण किन बीमारियों के संकेत देते हैं और इनसे कैसे बचाव किया जाना चाहिए।
जीभ का सफेद होना
जीभ का सफेद होना कई वजहों से हो सकता है, जैसे कि मुंह की सही से सफाई नहीं होना, डिहाइड्रेशन या कमजोर इम्यूनिटी आदि। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह कोई गंभीर बीमारी नहीं होती, लेकिन कुछ मामलों में इसका इलाज जरूरी होता है। अगर आपकी जीभ सफेद हो रही है, तो यह पाचन तंत्र की गड़बड़ी, डिहाइड्रेशन या ओरल थ्रश यानी फंगल इंफेक्शन का संकेत भी हो सकता है। इसके अन्य कारणों में लिवर की समस्या, पेट में इंफेक्शन या आयरन और विटामिन बी-12 की कमी शामिल हो सकती है।
जीभ का सफेद होने की समस्या को दूर करने लिए ज्यादा पानी पिएं और मुंह की साफ-सफाई का ध्यान रखें। इसके साथ ही प्रोबायोटिक युक्त फूड्स का सेवन करें। इसके बाद ही ये समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से जांच करवाएं।
टखनों में सूजन
आमतौर पर टखनों में सूजन सामान्य थकान या ज्यादा समय तक खड़े रहने की वजह से हो सकती है, लेकिन अगर यह लगातार बनी रहती है तो इसका सीधा कनेक्शन किडनी, हार्ट या लिवर से जुड़ी बीमारी से हो सकता है। जैसे कि किडनी ठीक से फिल्ट्रेशन नहीं कर पाती, जिससे शरीर में अतिरिक्त तरल जमा हो जाता और फिर टखनों में सूजन हो जाती है। ऐसे ही जब दिल कमजोर हो जाता है, तो रक्त सही तरीके से पंप नहीं हो पाता, जिससे पैरों और टखनों में सूजन आ जाती है। इसके अलावा लिवर के सही तरीके से काम न करने पर शरीर में फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है। ऐसी स्थिति में कम नमक वाला आहार खाना फायदेमंद होगा। इसके साथ ही ज्यादा देर तक बैठे या खड़े न रहें।
सिर पर पपड़ी बनना
आमतौर पर सिर पर पपड़ी बनती है तो इस रूसी मान लिया जाता है। अगर, सिर पर ज्यादा पपड़ी बन रही है तो यह सिर्फ रूसी नहीं, बल्कि सोरायसिस, डर्मेटाइटिस या फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है। दरअसल, सोरायसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं और स्कैल्प पर मोटी, परतदार पपड़ी बना देती हैं। सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस की समस्या में स्कैल्प पर लालिमा और खुजली के साथ तैलीय परत जम जाती है। इसके अलावा फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है। ये यह बाल झड़ने और जलन का कारण बन सकता है। इससे निजात पाने के लिए मेडिकेटेड शैंपू और एंटी-फंगल ट्रीटमेंट लाभकारी हो सकता है। सिर से स्कैल्प को साफ और मॉइस्चराइज रखें।
वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, किशमिश वाला दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है, जो पाचन को सुधारता है और शरीर को एनर्जी देता है, क्योंकि शमिश में एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में होते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।