Iodine Deficiency: बदलते लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण आयोडीन की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक, आयोडीन की कमी को साइलेंट किलर कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण जल्दी सामने नहीं आते, बल्कि धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। कई बार इसके लक्षण पता ही नहीं चल पाते हैं। आयोडीन की कमी का सीधा असर थायरॉयड ग्रंथि पर पड़ता है, जिससे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते हैं।
आयोडीन क्या है?
आयोडीन एक ऐसा तत्व है जो सामान्य वृद्धि और मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है। थायराइड ग्रंथि में थायराइड हार्मोन बनाने के लिए शरीर को आयोडीन की आवश्यकता होती है। थायराइड हार्मोन चयापचय यानी मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं। वे मस्तिष्क, नसों और हड्डियों के विकास और कार्य के लिए आवश्यक है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो थायराइड विकार, हाइपोथायरायडिज्म, वजन बढ़ना, थकान और मानसिक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
आयोडीन की कमी से होने वाली समस्याएं
- थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना यानी गण्डमाला
- थायरॉयड हार्मोन का कम उत्पादन यानी हाइपोथायरायडिज्म
- गर्भावस्था में गर्भपात और जन्मजात असामान्यताएं
- शारीरिक विकास में धीमी प्रगति
क्यों बढ़ रही है आयोडीन की कमी?
आयोडीन की कमी बढ़ने का मुख्य कारण खराब खानपान है, आयोडीन युक्त नमक का कम प्रयोग है। एक समय में आयोडीन की कमी को रोकने के लिए आयोडीन युक्त नमक जरूरी था, लेकिन हाल के वर्षों में लोग सादे या हिमालयन नमक का अधिक उपयोग कर रहे हैं, जिसके कारण शरीर को आवश्यक आयोडीन नहीं मिल पाता है और शरीर में आयोडीन की कमी हो जाता है।
आयोडीन की कमी के लक्षण
आयोडीन की कमी के शुरुआती लक्षण थकान, रूखी त्वचा, बालों का झड़ना, ठंड अधिक लगना और सुस्ती आदि होते हैं। ऐसे में समय पर इलाज करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह समस्या और गंभीर हो जाएगी।
आयोडीन की कमी से बचने के लिए क्या करें?
- आयोडीन की कमी से बचने के लिए लोगों को संतुलित आहार खाना चाहिए।
- आयोडीन युक्त नमक लें।
वहीं, शरीर में साफ खून इम्यूनिटी को बढ़ाता है और अंग अच्छे से काम करते हैं। अगर, शरीर में खून अच्छा रहेगा तो एनीमिया और दिल की बीमारियों की समस्या नहीं आएगी।