आजकल के समय में मैगी का सेवन न सिर्फ बच्चे कर रहे हैं, बल्कि बड़ों की फेवरेट हो गई है। जब भी थोड़ी भूख लगे तो सबसे पहले मैगी का ख्याल ही आता है, क्योंकि इसे बनने में न ही तो ज्यादा समय लगता है और न ही कोई ज्यादा तामझाम करने की जरूर पड़ती है। मैगी का झटपट बनना और इसका स्वाद हर उम्र के लोगों के बीच पसंदीदा बन गई, लेकिन बड़े ही चाव से खाएं जाने वाली मैगी का ज्यादा सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मैगी में प्रिजर्वेटिव्स, ज्यादा सोडियम और रिफाइंड मैदा होता है, जो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा कर सकता है। चलिए आपको बताते हैं मैगी को ज्यादा खाने से कौन-सी 5 बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कन्नौज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कैलाश सोनी ने बताया कि मैगी के दीवाने तो बहुत हैं, लेकिन 2 मिनट में बनने वाली मैगी के नुकसान भी बहुत सारे हैं। ज्यादा मैगी खाने से कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
मैगी में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है और शरीर में सोडियम की मात्रा हाई होने पर ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर होने पर दिल से जुड़ी समस्या का खतरा अधिक बढ़ सकता है। इसके साथ ही मैगी ज्यादा खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ सकता है।
मोटापा
मैगी में कैलोरी ज्यादा और फाइबर बहुत कम होता है। इससे वजन बढ़ सकता है, क्योंकि मैगी में मेदा होता है और बार-बार इसे खाने से फैट बॉडी में स्टोर होता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
डाइजेशन प्रॉब्लम
मैगी आटे के साथ ही मैदा से भी बनी होती है, जिसकी वजह से ये पेट की आंतों में चिपक जाती है। मैदा और प्रिजर्वेटिव्स पचने में समय लेते हैं। ज्यादा मैगी खाने से गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं, खासकर जिनका पाचन तंत्र कमजोर है।
डायबिटीज का खतरा
मैगी जैसे प्रोसेस्ड फूड्स का ज्यादा सेवन ब्लड शुगर लेवल को अस्थिर कर सकता है। लंबे समय में यह इंसुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
किडनी की समस्या
मैगी में मौजूद लेड यानी सीसा के ज्यादा सेवन से किडनी के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा सोडियम और एडिटिव्स किडनी पर प्रेशर डालते हैं। इससे किडनी फंक्शन पर असर पड़ सकता है और किडनी डिजीज का खतरा भी बढ़ सकता है।
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