शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग लिवर भोजन को पचाने में मदद करता है और शरीर को ऊर्जा देता है। यदि किसी भी व्यक्ति के लिवर में फैट की मात्रा सामान्य से अधिक बढ़ जाए तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है। फैटी लिवर की समस्या मुख्य रूप से दो प्रकार से होती है।
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) और अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD); पहला प्रकार बिगड़े हुए खानपान आहार इसका मुख्य कारण हो सकता है। दूसरे प्रकार में अधिक शराब का सेवन इस समस्या का मुख्य कारण होता है। इससे लिवर में सूजन और लिवर कोशिकाओं की क्षति ज्यादा बढ़ जाती है।
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 10 लाख से अधिक लोग लिवर की इस बीमारी का ग्रसित हो जाते हैं। फैटी लिवर के कारण लिवर सिरोसिस, कैंसर और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।खान-पान में सुधार लाकर कई समस्याओं का हल किया जा सकता है, जिनमें से एक है फैटी लिवर की समस्या। आइए, जानते हैं कि फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए-
फैटी लीवर के 10 मुख्य कारण
- कुपोषित
- दवाओं का अधिक उपयोग
- मधुमेह
- उच्च रक्तचाप
- अत्यधिक शराब का सेवन
- मोटापा
- उच्च लिपिड स्तर, जैसे कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड
- रासायनिक उद्योगों में विषाक्त पदार्थों का लगातार संपर्क
- गर्भावस्था
- हेपेटाइटिस सी जैसे संक्रमण
फैटी लिवर में क्या खाना और नहीं खाना चाहिए; देखें लिस्ट
इसका करें सेवन | इनसे करें परहेज |
कॉफी और ग्रीन टी | अल्कोहल |
फिश | एडेड शुगर |
ब्रोकली | फ्राइड फूड |
डेयरी प्रोडक्ट्स | नमक |
ओटमील (दलिया) | व्हाइट ब्रेड |
अखरोट | चावल |
एवोकाडो | पास्ता |
जैतून का तेल | रेड मीट |
लहसुन | फ्राइड फूड |
सूरजमुखी के बीज | मक्खन |
ताजी सब्जियां और फल | डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ |
टोफू |
फैटी लिवर में घी: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक फैटी लिवर के मरीजों का डाइट ऐसा होना चाहिए जिसमें एंजाइम की मात्रा मौजूद ना हो, जैसे-घी चूंकि घी विषाक्त पदार्थों को तोड़ने और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लिवर के मरीज घी का सेवन कर सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक आप चाहें तो नारियल के तेल का भी सेवन कर सकते हैं। आप चाहें तो अपने खाने में घी डालकर सेवन कर सकते हैं।
फैटी लिवर के मरीज जौ, जई, बाजरा, मूंग, मटकी आदि जैसे साबुत अनाज और फलियों पर ध्यान दें। जितना हो सके उतने फल और सब्जियों का सेवन करें। वे एंटीऑक्सिडेंट से भरे हुए हैं और कैलोरी और वसा में कम हैं। ब्रोकोली, शिमला मिर्च, प्याज, लहसुन, अंगूर, जामुन आदि के लिए पहुंचें। रोजाना अपने आहार में एवोकाडो, अखरोट, कद्दू के बीज, सन बीज आदि के रूप में ओमेगा 3 फैटी एसिड की एक खुराक जोड़ें। नॉन-वेज फूड खासकर रेड मीट का सेवन सीमित करें।