सर्दियों के मौसम में शरीर में दर्द और जकड़न की समस्या आम हो जाती है। सर्दियों में सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है। अगर आप भी शरीर में दर्द से परेशान हैं तो तिल का तेल आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। आयुर्वेद में तिल को एक चमत्कारी औषधि के रूप में माना जाता है। इसके बीज और तेल ही नहीं, बल्कि पूरा पौधा सेहत को कई फायदे पहुंचाते हैं। ऐसे में तिल का उपयोग आपकी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आयुर्वेद एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, तिल के पौधे का सही तरीके से उपयोग करने पर यह शरीर के दर्द, सूजन और अन्य कई समस्याओं से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है।
आचार्य बालकृष्ण ने बताए फायदे
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, तिल का तेल मीठा तेल होता है। ये सेहत के लिए वरदान है। इसके तेल, बीज और पत्तों का सही तरीके से उपयोग करके आप सर्दियों में होने वाले दर्द और अन्य समस्याओं से बच सकते हैं। तिल का नियमित उपयोग न केवल दर्द से राहत दिलाता है, बल्कि आपको ऊर्जावान और स्वस्थ भी बनाता है।
तिल के तेल में विटामिन ई, विटामिन के, फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि तिल के तेल की मालिश करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। तिल के तेल में थोड़ी से नीम पत्तियां उबाल लें तो चर्म रोग का नाश हो जाएगा। इसके अलावा इस तेल में थोड़ी सी सोंठ मिलाकर मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है।
बालों के लिए लाभकारी
तिल बालों के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके लिए तिल के पौधे की जड़ व कोमल पत्तियों को कूटकर उबालें, ठंडा होने पर उस पानी से बालों को धोएं। तिल बालों को सुंदर और मजबूत बनाने के लिए बहुत ही असरदार है।
तिल के पौधे के औषधीय गुण
तिल के पौधे में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक हड्डियों को मजबूत बनाने और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में सहायक हैं।
कैसे करें तिल का उपयोग?
- मालिश- तिल के तेल को हल्का गर्म करें और इसे शरीर के उस हिस्से पर लगाएं जहां दर्द हो रहा है। हल्के हाथों से मालिश करें। यह रक्त प्रवाह को बढ़ाकर दर्द और सूजन को कम करता है।
- गठिया- तिल के तेल में लहसुन की 2-3 कलियां डालकर गर्म करें और इसे जोड़ों पर लगाएं। यह गठिया के दर्द में राहत देता है।
सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। हार्ट अटैक के खतरे की संभावना को कम करने के लिए इमली असरदार हो सकती है।
