माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के बेटे जैन नडेला का 26 साल की उम्र में निधन हो गया। जैन बचपन से ही सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral palsy) नाम की बीमारी से पीड़ित थे। सत्या नडेला ने साल 2017 में प्रकाशित अपनी किताब “हिट रिफ्रेश” में भी इसका जिक्र किया था।
सेरेब्रल पाल्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है जो बच्चों के विकास, चलने-फिरने की क्षमता को प्रभावित करता है। सेरेब्रल का अर्थ ब्रेन के दोनों हिस्सों से है जबकि पाल्सी का अर्थ कमजोरी या मांसपेशियों के उपयोग करने में समस्या से है।
सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) क्या है? ये बीमारी ब्रेन में चोट या सही से विकास न होने की वजह से होती है। इससे मांसपेशियों को नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है। इस बीमारी के लक्षण बच्चों में अलग-अलग होते हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक यह बीमारी बच्चे के जन्म से पहले या बच्चे के जन्म के बाद भी हो सकती है।
हल्के और गंभीर दोनों तरह के दिखते हैं लक्षण: सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण अलग-अलग मरीजों में अलग अलग होते हैं। किसी मरीज में इस बीमारी के कम लक्षण दिखते हैं तो किसी में गंभीर लक्षण भी देखने को मिलते हैं। गंभीर लक्षणों वाला इनसान चलने फिरने के लिए खास उपकरणों का इस्तेमाल करता है। ऐसा मरीज बिल्कुल भी खुद चलने फिरने में सक्षम नहीं होता उसे हमेशा ही केयर टेकर की जरूरत होती है।
दूसरी ओर, हल्के लक्षण वाला इंसान हल्का-फुल्का चल सकता है, लेकिन उसे हर वक्त किसी की खास मदद की जरूरत नहीं होती।
सेरेब्रल पाल्सी का कारण: इस बीमारी का मुख्य कारण दिमाग में चोट लगना है लेकिन उसके अलावा भी ये बीमारी कई परेशानियों की वजह से हो सकती है जैसे पेट में बच्चे के दिमाग का विकास ठीस से नहीं होना, मां को संक्रमण या कोई मेडिकल कंडीशन, ब्रेन में रक्त के प्रवाह में खलल, प्रेग्नेंसी के दौरान स्कैल्प पर चोट लगना या किसी तरह का नुकसान होना, समय से पहले डिलीवरी होना आदि। कुछ मामलों में ये बीमारी आनुवांशिक भी होती है।
सेरिब्रल पाल्सी का कैसे पता लगाएं?: पैरेंट्स को चाहिए कि अपने बच्चे की हर गतिविधि का ध्यान रखें। बच्चे को किसी प्रकार से चलने-फिरने में परेशानी है तो फौरन उसे डॉक्टर को दिखाएं। इस तरह की परेशानी बच्चे में बचपन से ही दिखने लगती है। पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चे की एक्टिविटी पर नजर रखें। बच्चा कैसे झुकता है, कैसे चलता है, उसके पैरों में कहीं अकड़न तो नहीं, बच्चे को उठने पर उसकी कमर पीछे की तरफ तो नहीं झुकती इन सब चीजों का ध्यान रखना जरूरी है।