बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान लम्बे समय से नसों की जिस बीमारी से जूझ रहे हैं उसमें उनके चेहरे पर इलेक्ट्रिक शॉक जैसे लक्षण दिखते हैं। करंट की तरह चुभन वाला दर्द देने वाली इस बीमारी को मेडिकल भाषा में ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया कहा जाता है। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें चेहरे से दिमाग तक सिग्नल ले जाने वाली नस ट्राईजेमिनल नर्व दब जाती है या खराब हो जाती है। इस नस के दबने और खराब होने के कारण चेहरे पर अचानक तेज़ और चुभने जैसा दर्द होता है। सलमान खान ने इस बीमारी की जानकारी हाल ही में एक टॉक शो में दी है। सलमान की पुरानी को-एक्टर्स काजोल और ट्विंकल खन्ना इस शो को होस्ट कर रही थीं,जिसमें सलमान खान ने अपनी बीमारी के दर्दनाक अनुभव के बारे में बताया। सलमान खान पिछले साढ़े सात सालों से इस बीमारी से जूझ रहे हैं।

एक्सपर्ट ने बताया बीमारी की वजह से हर 4-5 मिनट में दर्द होता था। उन्हें नसों की इस समस्या की वजह से नाश्ता करने में डेढ़ घंटा लगता था। एक्सपर्ट ने खुलासा किया कि बीमारी की वजह से वो ऑमलेट भी चबा नहीं पाते थे, नाश्ता करने के लिए उन्हें दर्द को सहन करना पड़ता था। इस बीमारी से निजात पाने के लिए सलमान ने  2011 में ऑपरेशन करवाया था। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये बीमारी है क्या और इसके लक्षण कौन-कौन से हैं? 

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया क्या है?

मैरेंगो एशिया हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम में चेयरमैन, डॉ. प्रवीन गुप्ता ने बताया ट्राईजेमिनल नर्व एक ऐसी बीमारी है जिसमें सिर्फ हल्की सी छुअन जैसे ब्रश करना या मेकअप लगाना भी बिजली के झटके जैसा दर्द पैदा कर सकता है। ट्राईजेमिनल नर्व के तीन हिस्से होते हैं जिसमें पहला हिस्सा आंख और माथे को कवर करता है। दूसरा हिस्सा ऊपरी जबड़े को कवर करता है और तीसरा हिस्सा निचले जबड़े को कवर करता है। जब इनमें से कोई हिस्सा खराब हो जाता है, तो मरीज को चेहरे से लेकर सिर तक बिजली के झटके जैसा दर्द महसूस होता है। यह दर्द खाने, बात करने या हल्का सा छूने से भी बढ़ सकता है। इस बीमारी के लक्षणों की वजह से ही इसे अक्सर suicidal disease भी कहा जाता है, क्योंकि मरीज के लिए इस दर्द को बर्दाश्त करना मुश्किल होता है।

ट्राईजेमिनल नर्व लक्षण (Symptoms)

  • चेहरे में अचानक चुभने या बिजली के झटके जैसा तेज दर्द।
  • दर्द कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकता है।
  • ब्रश करना, खाना, चेहरा धोना, हंसना या बात करना भी दर्द को ट्रिगर कर देता है।
  • बार-बार होने वाले दर्द के कारण खाना-पीना और सामान्य कामकाज बहुत मुश्किल हो जाता है।

ट्राईजेमिनल नर्व का कारण (Causes)

  • नस पर आर्टरी या वेन का दबाव पड़ना इस बीमारी का कारण बन सकता है। कभी-कभी कोई सिस्ट या ट्यूमर भी नस पर दबाव डाल सकता है।
  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित मरीजों में यह समस्या हो सकती है क्योंकि इसमें नस की प्रोटेक्टिव परत ( myelin sheath) डैमेज हो जाती है।
  • चेहरे की चोट, स्ट्रोक या ग़लत डेंटल सर्जरी भी इसके कारण हो सकते हैं।
  • यह महिलाओं और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में ज़्यादा पाई जाती है।

ट्राईजेमिनल नर्व का इलाज (Treatment)

  • ट्राईजेमिनल नर्व का इलाज दवाओं से किया जाता है। इसमें सोडियम चैनल ब्लॉकर्स जैसी दवाएं दी जाती हैं, जो नस की दर्द वाली गतिविधि को रोकती हैं।
  • रेडियो फ्रीक्वेंसी लेजर एब्लेशन से ट्रीटमेंट किया जाता है जिसमें हीट से नस पर छोटा सा घाव (lesion) बनाया जाता है ताकि दर्द के सिग्नल ब्रेन तक न पहुंचें।
  • बैलून कम्प्रेशन से भी इस बीमारी का इलाज करते हैं। इस कम्प्रेशन में नस को गुब्बारे की मदद से दबाकर दर्द कम किया जाता है।
  • ग्लिसरॉल इंजेक्शन से इलाज करने के लिए नस को हल्का-सा डैमेज करके दर्द में राहत दी जाती है।
  • माइक्रो वैस्कुलर डिकम्प्रेशन सर्जरी की जाती है जिसमें नस पर दबाव डाल रही रक्त वाहिका (blood vessel) को हटाकर उसे राहत दी जाती है।

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