बदलते मौसम में ज्यादातर लोग सर्दी-जुकाम और वायरल इंफेक्शन से परेशान रहते हैं। कड़ाके की सर्दी लोगों को परेशान कर रही है। इस मौसम में श्वसन संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। डॉक्टर के पास जाने वाले ज्यादातर मरीज बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश और सीने में तकलीफ की शिकायत कर रहे हैं। मौसम को जहां हम जिम्मेदार मान रहे हैं वहां कोविड-19 भी हमारे बीच मौजूद है। कोविड के नए वेरिएंट JN.1 ने भी दुनियाभर में लोगों को परेशान कर रखा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि विश्व स्तर में इस वेरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। वेरिएंट JN.1, ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है जो मजबूत इम्यूनिटी वालों को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है। कोविड के इस वेरिएंट के साथ ही कुछ इन्फ्लूएंजा, आरएसवी, एडेनोवायरस, राइनोवायरस और यहां तक ​​​​कि बैक्टीरिया माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे कई वायरस एक साथ लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)ने हाल ही में कहा कि रोगों का ये मिश्रण इस सर्दी में लोगों को बीमार बना रहा है इसलिए सेहत को लेकर सतर्क रहें।

ज्यादातर मरीजों में हैं ये लक्षण मौजूद

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत, नई दिल्ली में आंतरिक चिकित्सा के निदेशक डॉ. रोमेल टिक्कू ने बताया कि उनके पास आने वाले ज्यादातर मरीज नाक बहना, गले में खराश, बुखार और खांसी जैसे ऊपरी श्वसन संक्रमण के सामान्य लक्षणों के साथ आ रहे हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि इन लक्षणों के अलावा मरीज कम ऑक्सीजन स्तर, सांस की तकलीफ और निमोनिया के लक्षणों के साथ भी आ रहे हैं।

ज्यादातर मरीजों का टेस्ट करने पर कोविड-19 और H1N1 संक्रमण की पुष्टि हो रही है। मरीजों की इस स्थिति के लिए बढ़ती सर्दी और बढ़ता प्रदूषण का स्तर जिम्मेदार है। एक्सपर्ट ने बताया कि ज्यादातर मरीजों में खांसी और ब्रोंकाइटिस देखा गया है। ऐसे में मरीज को इनहेलर या नेबुलाइज़ेशन लेने की सलाह दी जा रही है। आपको बता दें कि H1N1 इन्फ्लूएंजा की तुलना में COVID-19 अधिक गंभीर संक्रमण हैं जिससे दुनिया भर में अधिक मौतें हुई हैं। यह 2009 के H1N1 इन्फ्लूएंजा से भी अधिक संक्रामक है।

अगर बुखार, खांसी, सर्दी और गले में खराश है तो क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप में इस तरह के लक्षण मौजूद हैं तो आप अपने घर से बाहर नहीं निकलें। घरे में रहें ताकि संक्रमण दूसरों को नहीं फैले। अगर तेज बुखार दो तीन दिन से ज्यादा रहे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

पारस हेल्थ, पंचकुला में सहयोगी सलाहकार, आंतरिक चिकित्सा और संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नवनीत अरोड़ा ने बताया कि अगर बुखार, खांसी, सर्दी और गले में खराश है तो एंटीबायोटिक उपचार की कोई आवश्यकता नहीं है। अधिकांश रोगियों को केवल सपोर्टिव केयर की आवश्यकता होती है। बुखार को कंट्रोल करने के लिए पेरासिटामोल जैसी दवाएं, भाप लेना, गर्म पानी में नमक डालकर उससे गरारे करें आप ठीक हो जाएंगे।

किन लोगों के लिए है खतरा

सर्दी में इन संक्रमण से बूढ़े,गर्भवती महिलाएं,डायबिटजी,हाई ब्लड प्रेशर,क्रॉनिक हार्ट प्रोब्लम,फेफड़े की बीमारियों से पीड़ित लोगों को ज्यादा खतरा है।

संक्रमण से कैसे करें बचाव

  • फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में पल्मोनोलॉजी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप स्टडीज के निदेशक डॉ. जफर अहमद इकबाल कहते हैं कि संक्रमण के दौरान संतुलित आहार के साथ-साथ बॉडी को हाइड्रेट भी रखें। गर्म पानी का अधिक सेवन करें।
  • संक्रमण से बचाव करना है तो संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क से बचें।
  • संक्रामित इंसान से हाथ नहीं मिलाएं।
  • मास्क पहनने जैसी सावधानियां बरतें।
  • भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाना हो तो मास्क जरूर पहनें।
  • तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव हो रहा है ऐसे में आप ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें। बाहर का खाना खाने से परहेज करें।