जल ही जीवन है… ये शब्द सिर्फ लिखने और बोलने के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी तरह से सच है। जीवन के लिए पानी बहुत ही आवश्यक है। पानी सिर्फ प्यास ही नहीं बुझाता, बल्कि शरीर को डिटॉक्स करता है और बॉडी के अंगों को सही तरह से काम करने में मदद करता है। शुद्ध और साफ पानी सेहत के साथ-साथ शरीर के लिए भी बेहद जरूरी है। हालांकि, अधिकतर लोग आरओ का पानी पीते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं जो पानी आप पी रहे हैं वह सेहत के लिए कितना अच्छा है और उसका TDS लेवल कितना है। चलिए आपको बताते हैं पानी में TDS लेवल कितना होना चाहिए।

दरअसल, पानी की शुद्धता का स्तर TDS लेवल पर देखा जाता है। RO के पानी में TDS (टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स) का स्तर सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। सही TDS स्तर का पानी पीना न केवल स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि स्वाद और पोषण में भी सुधार करता है।

TDS क्या है?

TDS का मतलब पानी में घुले हुए ठोस पदार्थ जैसे खनिज, नमक और धातु की कुल मात्रा है। इसे पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) में मापा जाता है। TDS लेवल यह तय करता है कि पानी पीने के लिए सुरक्षित है या असुरक्षित है। पानी में कैल्शियम, क्लोराइड, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक, एलुमिनियम, कॉपर, आयरन, क्लोरीन, सोडियम, फ्लोराइड, बाइकार्बोनेट, सल्फेट्स, कीटनाशकों herbicides मौजूद होते हैं।

TDS 500 मिलीग्राम से कम होना चाहिए

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मुताबिक, एक लीटर पानी में TDS 500 मिलीग्राम से भी कम होना चाहिए। वहीं, WHO के अनुसार एक लीटर पानी में TDS की मात्रा 300 मिलीग्राम से कम होना चाहिए। RO का पानी पीने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि TDS स्तर 50-150 ppm के बीच हो। यह स्तर न केवल स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त है, बल्कि पानी का स्वाद भी बेहतर बनाता है। अपने RO सिस्टम को नियमित रूप से जांचते रहें और TDS मीटर का उपयोग करके पानी के TDS स्तर की जांच करते रहें।

इतने टीडीएस की मात्रा वाला पानी नहीं पीना चाहिए

WHO के अनुसार, अगर पानी में टीडीएस का लेवल 300 मिलीग्राम से कम है, तो इसे बिल्कुल भी न पिएं। टीडीएस के पानी से शरीर को फायदा नहीं मिलता। टीडीएस लेवल अगर 300 मिलीग्राम से कम होता है, तो पानी में मौजूद खनिज शरीर के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं।

वहीं, किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को साफ करने का काम करती है और शरीर से टॉक्सिन को पेशाब के जरिए बाहर निकलने का काम करती है। ऐसे में सुबह उठते ही कुछ आसान तरीकों से किडनी को हेल्दी और सुपर एक्टिव बनाया जा सकता है।