Uric Acid Remedies: स्वास्थ्य विशेषज्ञ आमतौर पर भी लोगों को 30 बसंत पार करने के बाद हेल्थ चेकअप्स कराने की सलाह देते हैं। इस उम्र के बाद शरीर में आने वाले बदलावों के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है। शरीर में यूरिक एसिड का उच्च स्तर भी 30 साल के बाद ही अधिकांश लोगों को परेशान करता है।
गाउट यानी गठिया प्रोएक्टिव अर्थराइटिस का एक प्रकार है जो जोड़ों को प्रभावित करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो ये बीमारी लोगों को अपनी चपेट में लेती है। इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और किडनी डैमेज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में इसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है, आइए जानते हैं 5 उपाय जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार माने जाते हैं।
विटामिन-सी का करें सेवन: विटामिन-सी युक्त भोजन का सेवन करने से यूरिक एसिड कंट्रोल करने में मदद मिलती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो यूरिक एसिड के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। साथ ही, इसमें सिट्रिक एसिड होता है जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। ऐसे में चेरी, ब्लू बेरी, नींबू और आंवला का सेवन करना चाहिए।
घरेलू मसाले आएंगे काम: भारतीय मसाले स्वाद के साथ ही औषधीय गुणों से भी भरपूर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की मौजूदगी तो होती ही है, साथ ही एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-बायोटिक और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ यूरिक एसिड के मरीजों को इलायची, दालचीनी, लौंग और तेजपत्ता जैसे मसालों को शामिल करने की सलाह देते हैं।
वेट कंट्रोल करें: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए वजन पर संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। वजन बढ़ने से लोगों का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और गठिया का खतरा बढ़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि वजन पर संतुलन रखने से यूरिक एसिड (Uric Acid Treatment) कंट्रोल में रहता है।
हाई फाइबर फूड्स का करें सेवन: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार फाइबरयुक्त फूड्स खाने से खाना पचने में समय लगता है और यूरिक एसिड एब्जॉर्ब होने में मदद मिलती है।
इन ड्रिंक्स का लें सहारा: कई शोध में इस बात का खुलासा हो चुका है कि कॉफी पीने से गठिया की चपेट में आने का खतरा कम होता है। इसके अलावा, ग्रीन टी, सेब का सिरका, भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए।