खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से गैस,एसिडिटी और अपच की परेशानी आम होती जा रही है। पाचन से जुड़ी इन समस्याओं को दूर करने के लिए लोग तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं और कई तरह की दवाईयों का सेवन करते हैं फिर भी उनकी समस्याओं का उपचार नहीं होता। गैस, अपच, अल्सर और आंतों की सूजन पेट से जुड़ी ऐसी परेशानियां है जिसकी वजह से खाने-पीने की आदतों में बदलाव होता है और वजन पर भी इसका असर पड़ता है। हम जो कुछ भी खाते हैं छोटी और बड़ी आंत द्वारा उसका पाचन और अवशोषण होता है। बड़ी आंत में पानी अवशोषित होता है और छोटी आंत में मिनरल, विटामिन और दूसरे तत्व अवशोषित होते हैं। आंतों के बीमार होने से न केवल भोजन का पाचन, बल्कि पोषक तत्वों का अवशोषण भी प्रभावित होता है।
आंत की सेहत को दुरुस्त रखने में हल्दी का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। हल्दी का सेवन करने से पेट के अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं जिसका सेवन करने से गैस, अपच, अल्सर का उपचार होता है।
वेस्टर्न साओ पाउलो विश्वविद्यालय (यूएनओईएसटीई) और साओ पाउलो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने आंत की सेहत को दुरुस्त करने के लिए हल्दी के सेवन को कारगर माना है। शोधकर्ताओं ने पाया कि हल्दी में मौजूद मुख्य घटक करक्यूमिन युक्त घोल का सेवन चूहों की आंत को हेल्दी बनाने के लिए किया गया है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि इलाज किए गए चूहों में दही जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले सबसे आम प्रोबायोटिक्स में से एक, लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया, करक्यूमिन से इलाज किए गए चूहों में लगभग 25 प्रतिशत अधिक प्रचुर मात्रा में था। आइए जानते हैं कि हल्दी का सेवन कैसे आंत की सेहत को दुरुस्त करने में असरदार साबित होता है।
हल्दी का सेवन कैसे आंत को हेल्दी रखता है?
यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न साओ पाउलो और साओ पाअलो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक करक्यूमिन में लेक्टोबेसिलस बैक्टीरिया पाया जाता है जो एक तरह से सामान्य प्रोबायोटिक में रहता है। यही बैक्टीरिया योगर्ट में भी होता है, लेकिन हल्दी में यह 25 प्रतिशत ज्यादा होता है।
अध्ययन में हल्दी में मुख्य घटक करक्यूमिन युक्त घोल को चूहों की आंत में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए दिया गया। नैनो करक्यूमिन कैप्सूल खनिजों से भरपूर होते हैं जो शरीर में मुक्त कणों और हानिकारक पदार्थों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। ये बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने में और बॉडी को शुद्ध करने में बेहद असरदार साबित होते हैं।
करक्यूमिन का एक नैनोइमल्शन है जिसे सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने पाचन तंत्र और आंत की सूजन वाले रोगियों के इलाज में करक्यूमिन की प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए नैनोइमल्शन को विकसित किया है।
नैनो करक्यूमिन इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं और बॉडी को हेल्दी रखते हैं। इनका सेवन करने से बीमारियां से बचाव होता है। अध्ययन से पता चलता है कि हल्दी (करक्यूमिन) मानव माइक्रोबायोम की विविधता को बढ़ाती है और पाचन में सुधार करती है । करक्यूमिन आंतों की सूजन और परेशानी को दूर करने का काम करती है। करक्यूमिन भी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो संभावित रूप से मुक्त कणों के उत्पादन को धीमा कर देता है और आपकी कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है। वैज्ञानिकों ने नियमित रूप से हल्दी का सेवन करने वाले चूहों की आंत में बैक्टीरिया की विविधता में वृद्धि की खोज की है।