Eye Redness Cause: आंखों में लालिमा एक आम समस्या है, जिसके चलते लोग अक्सर नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचते हैं। लगभग हर व्यक्ति ने जीवन में कभी न कभी आंखों के लाल होने का अनुभव किया होगा। कई बार यह समस्या लाइफस्टाइल या हल्की आंखों की दिक्कतों के कारण होती है और अपने-आप ठीक भी हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में आंखों की रेडनेस खतरनाक साबित हो सकती है और सही समय पर इलाज न हो तो अंधेपन तक का कारण बन सकती है। बता दें कि डॉ. कार्तिकेय (सीनियर कंसल्टेंट, रेटिना) के अनुसार आंखों में लालिमा के पीछे कई कारण हो सकते हैं। तो चलिए डॉ. कार्तिकेय से जानते हैं इसके कारण….
आंखों के लाल होने के मुख्य कारण
ड्राई आई (आंखों का सूखापन)
आंखों की सतह का सूखना आजकल सबसे आम समस्या बन गया है। मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइसेज़ का ज्यादा इस्तेमाल और बढ़ता वायु प्रदूषण इसके प्रमुख कारण हैं। आंखों लालिमा के साथ-साथ, सूखापन या जलन, पानी आना, आंख में कुछ फंसा होने का एहसास, आंखों में तनाव और पलकों में थकान भी आंखों की रेडनेस का बड़ा कारण है।
आंखों की एलर्जी
आंखों में एलर्जी होना भी लालिमा की एक आम वजह मानी जाती है। इस स्थिति में आंखों के साथ-साथ पलकों के अंदर खुजली महसूस होती है, आंखों से पानी या चिपचिपा स्राव निकल सकता है और ऐसा लगता है जैसे आंख में कुछ फंसा हुआ हो। कई बार एलर्जी की सही वजह पहचानना मुश्किल होता है, लेकिन वायु प्रदूषण, धूल आदि इसके सबसे सामान्य कारण होते हैं।
नींद की कमी या खराब स्लीप पैटर्न
अगर आंखों को दिनभर की थकान से उबरने के लिए पर्याप्त आराम नहीं मिलता, तो आंखों में लालिमा दिखने लगती है। नींद की कमी से आंखों की सतह ठीक से रिकवर नहीं कर पाती।
कंजंक्टिवाइटिस (आई फ्लू)
कंजंक्टिवाइटिस, जिसे आम भाषा में आई फ्लू कहा जाता है, आंखों में लालिमा की एक आम वजह है। यह समस्या अक्सर मौसम बदलने के दौरान देखने को मिलती है और ज्यादातर मामलों में आंख की ऊपरी सतह पर वायरस के संक्रमण के कारण होती है। इस दौरान आंखों में तेज लालपन, पानी आना, चिपचिपा स्राव निकलना और सुबह उठते समय पलकों का आपस में चिपक जाना जैसे लक्षण नजर आते हैं। यह एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। हालांकि हर बार संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने का स्पष्ट कारण पता चलना जरूरी नहीं होता। आमतौर पर हाथों की सही सफाई न होना और आंखों को बार-बार छूना इसके फैलने की मुख्य वजह बनते हैं।
आंखों को बार-बार रगड़ना
डॉ. कार्तिकेय के अनुसार, आंखों को ज्यादा रगड़ने से आंख की सतह के नीचे हल्का रक्तस्राव हो सकता है, जिसे सबकंजंक्टाइवल हेमरेज कहते हैं। यह देखने में डरावना लग सकता है, लेकिन आमतौर पर अपने-आप ठीक हो जाता है। यह समस्या ब्लड थिनर लेने वालों में ज्यादा देखी जाती है।
कब हो सकता है खतरा?
कुछ मामलों में आंखों की लालिमा गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकती है, जैसे – बैक्टीरियल आई इंफेक्शन, ग्लूकोमा,यूवाइटिस, आंख में चोट आदि। इन स्थितियों में समय पर इलाज न मिलने पर दृष्टि को स्थायी नुकसान हो सकता है।
क्या करें?
डॉ. कार्तिकेय के अनुसार, भले ही आंखों की लालिमा कई बार हल्की और अस्थायी होती है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लालिमा के असली कारण की पहचान केवल नेत्र रोग विशेषज्ञ ही कर सकते हैं।
