मूली (Radish) एक लोकप्रिय और पौष्टिक सब्जी है, जो सर्दी की फसल है और खासतौर पर सर्दियों में ज्यादा खाई जाती है। ये स्वाद में हल्की तीखी होती है जिसका सेवन सलाद, सब्जी व पराठों में किया जाता है। मूली में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, विटामिन C, पोटैशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पाचन सुधारने, इम्युनिटी बढ़ाने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।

मूली पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि ये कब्ज की समस्या को कम करती है और पेट साफ रखने में मदद करती है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है और सूजन कम करने में भी मदद मिलती है। मूली का सेवन ब्लड शुगर को कंंट्रोल रखने और दिल की सेहत सुधारने में भी मददगार मानी जाती है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. विनोद शर्मा के अनुसार, मूली सभी लोगों के लिए समान रूप से फायदेमंद नहीं होती। हालांकि यह सब्जी फाइबर, विटामिन C और कई जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होती है, लेकिन कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में इसका सेवन नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक मूली की तासीर उष्ण और पाचन पर भारी मानी जाती है, इसलिए यह कुछ बीमारियों में लक्षणों को बढ़ा सकती है। आइए जानते हैं कि किन लोगों को मूली का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

थायराइड मरीज मूली से परहेज करें

थायराइड की समस्या से जूझ रहे लोगों को खासतौर पर कच्ची मूली का सेवन सोच-समझकर करना चाहिए। मूली में गोइट्रोजेनिक तत्व पाए जाते हैं, जो थायराइड हार्मोन के निर्माण और दवाओं के असर को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप थायराइड की नियमित दवा लेते हैं तो कच्ची मूली का ज्यादा सेवन दवा की प्रभावशीलता को कम कर सकता है। ऐसे में मूली को सीमित मात्रा में या पकाकर ही खाना बेहतर माना जाता है।

संवेदनशील पेट है तो मूली नहीं खाएं

जिन लोगों का पेट जल्दी खराब हो जाता है या जिन्हें गैस, एसिडिटी और अपच की शिकायत रहती है, उनके लिए मूली भारी साबित हो सकती है। मूली में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जो कमजोर पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकता है। इससे पेट फूलना, जलन, गैस और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खास कर खाली पेट या रात में मूली खाने से पाचन से जुड़ी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।

किडनी और गाल ब्लैडर स्टोन में जहर है मूली

किडनी या गॉलब्लैडर में पथरी की समस्या वाले लोगों को मूली का सेवन सावधानी से करना चाहिए। मूली में मौजूद कुछ तत्व स्टोन की समस्या में दर्द को ट्रिगर कर सकते हैं। खासतौर पर अगर पथरी पहले से मौजूद है, तो मूली खाने के बाद पेट या कमर के निचले हिस्से में दर्द बढ़ सकता है। ऐसे मरीजों को मूली खाने से पहले डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

लो ब्लड प्रेशर वालों में मूली का प्रभाव

मूली का असर ब्लड प्रेशर को कम करने वाला माना जाता है। ऐसे में जिन लोगों का ब्लड प्रेशर पहले से ही लो रहता है, उनके लिए मूली नुकसानदायक हो सकती है। ज्यादा मूली खाने से बीपी और नीचे गिर सकता है, जिससे चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना या बेहोशी जैसी स्थिति बन सकती है। लो बीपी वाले लोगों को मूली सीमित मात्रा में और शरीर की प्रतिक्रिया देखकर ही खानी चाहिए।

एलर्जी के मरीज अवॉइड करें

मूली मस्टर्ड फैमिली की सब्जियों में शामिल होती है। जिन लोगों को सरसों, पत्तागोभी या इसी फैमिली की सब्जियों से एलर्जी होती है उनमें मूली एलर्जिक रिएक्शन पैदा कर सकती है। इसके लक्षणों में खुजली, त्वचा पर रैशेज, गले में जलन या सूजन शामिल हो सकती है। ऐसे लोगों के लिए मूली से दूरी बनाना ही सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

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