बार-बार पेशाब आना कई अलग-अलग समस्याओं के कारण हो सकता है, जिसके चलते कामकाज भी प्रभावित होता है। आमतौर पर बार-बार पेशाब यूरिन इन्फेक्शन और डायबिटीज आदि समस्याओं के कारण भी हो सकता है। इसका समय रहते इलाज करवाना बहुत ही आवश्यक है। ऐसे में किसी को इस तरह की कोई समस्या नहीं हो और उसे भी बार-बार पेशाब आता है तो इस स्थिति को मेडिकल भाषा में प्राइमरी ब्लैडर नेक ऑब्स्ट्रक्शन (PBNO) के रूप में जाना जाता है। दरअसल, प्राथमिक मूत्राशय गर्दन अवरोध (पीबीएनओ) एक मूत्र संबंधी स्थिति है जिसमें पेशाब के दौरान मूत्राशय की गर्दन पर्याप्त रूप से नहीं खुल पाती। यह स्थिति दोनों लिंगों यानी महिला और पुरुष को प्रभावित करती है। अब इस स्थिति का समाधान भी निकल गया है। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (एआईएनयू) के डॉक्टरों ने मूत्र संबंधी समस्याओं के लिए एक अनोखा और इनोवेटिव इंडोस्कोपिक डिवाइस तैयार किया है, जो इस समस्या से निजात दिलाएगा।

क्या है प्राइमरी ब्लैडर नेक ऑब्स्ट्रक्शन?

प्राथमिक मूत्राशय गर्दन अवरोध (PBNO) एक मूत्र संबंधी स्थिति है, जिसमें पेशाब के समय मूत्राशय की गर्दन ठीक से नहीं खुलती। इससे पेशाब का फ्लो बाधित होता है। यह 55 वर्ष से कम उम्र के लगभग 33-45 फीसदी पुरुषों को प्रभावित करता है, जिन्हें पेशाब करने में होती होती है। ये स्थिति आमतौर पर निचले मूत्र पथ के लक्षणों वाले व्यक्तियों में देखी जाती है। अब इससे राहत पाने के लिए डॉक्टर्स ने iTIND यानी इंडोस्कोपिक डिवाइस तैयार किया है, जो बहुत लाभकारी हो सकता है।

क्या है iTIND डिवाइस?

iTIND यानी इंडोस्कोपिक डिवाइस एक छोटा, फोल्डेबल डिवाइस है जो प्रोस्टेट ग्रंथि और यूरिनरी ट्रैक्ट में ब्लॉकेज को हटाने में मदद करता है। यह डिवाइस 3 से 7 दिनों तक पेशाब की नली में रखी जाती है, जिससे यह प्रोस्टेट की संकरी हुई नलियों को चौड़ा कर देती है। इसके बाद इसे बिना किसी कट या सर्जरी के हटा दिया जाता है।

कैसे काम करेगी iTIND डिवाइस?

एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी के डॉक्टरों के मुताबिक, iTIND डिवाइस (Temporarily Implanted Nitinol Device) एक रिवॉल्यूशनरी ट्रांसप्लांट है। इस डिवाइस को पेशाब की नली में डालते हैं और 3-7 दिनों तक यह धीरे-धीरे प्रोस्टेट को खोलती है। इससे प्राकृतिक रूप से पेशाब करने की क्षमता बेहतर होती है।

AINU में कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मद्दुरी विजय कुमार सरमा ने बताया कि यह डिवाइस मूत्रमार्ग के भीतर मूत्राशय की गर्दन पर लगाई जाती है और सात दिनों के बाद हटा दी जाती है। इस दौरान मूत्राशय की गर्दन पर तीन छोटे चैनल बनाए जाते हैं, जो सुचारू रूप से पेशाब के फ्लो को सुनिश्चित करते हैं। सभी चैनल खुलन के बाद इस डिवाइस को निकाल लिया जाता है और चैनल खुले रहते हैं, जिससे बिना परेशानी के सामान्य पेशाब हो जाता है।

iTIND डिवाइस को अमेरिकी हेल्थ एजेंसी से मिली मंजूरी

iTIND डिवाइस को हाल ही में अमेरिकी हेल्थ एजेंसी से मंजूरी मिली है। जिसके बाद अब यह भारत समेत कई देशों में धीरे-धीरे उपलब्ध हो रही है।

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