अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान धीरे-धीरे हमारे शरीर को अंदर से खोखला बना रहा है। इसके चलते व्यक्ति को कई बीमारियां घेरना शुरू कर देती हैं, इन्हीं बीमारियों में से एक है डायबिटीज जो इस वक्त दुनियाभर के लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खराब खानपान और शारिरिक गतिविधियों में ढीलापन पैंक्रियाज से निकलने वाले हार्मोन इंसुलिन की मात्रा को कम करने लगता है। वहीं, बॉडी में इंसुलिन की मात्रा कम होने से शुगर का पाचन सही ढंग से नहीं हो पाता है, जिससे शुगर ब्लड में जमा होना शुरू हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।
आसान भाषा में समझें तो डायबिटीज से पीड़ित लोगों के ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती है। मैक्स हेल्थकेयर, नई दिल्ली में एंडोक्रिनोलॉजी और डायबिटीज के अध्यक्ष और एक्सपर्ट डॉ अंबरीश मिथल के मुताबिक, एक हेल्दी व्यक्ति में 90 से 110 mg/dl फास्टिंग ब्लड शुगर हो, तो ये नॉर्मल स्थिति है। इसके अलावा अगर खाना खाने के बाद बल्ड शुगर लेवल 150 mg/dL तक या इससे नीचे है, तो भी ये नॉर्मल ही है। हालांकि, इससे अधिक बढ़ने पर ये प्री डायबेटिक या डायबिटीज की श्रेणी में आने लगता है।
क्या है प्री डायबेटिक कंडीशन?
प्री-डायबिटिक व्यक्ति में ब्लड शुगर लेवर सामान्य से ज्यादा होता है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि उसे टाइप-2 डायबिटीज की श्रेणी में रखा जा सके। यानी अगर एक अडल्ट व्यक्ति का फास्टिंग शुगर लेवल 120 mg/dL तक चला जाता है, तो यह प्री डायबेटिक कंडीशन है। डॉ अंबरीश मिथल के मुताबिक, 120 से 130 के बीच फास्टिंग ब्लड शुगर डायबिटीज का बॉर्डलाइन है। ऐसे में अगर इस स्टेज में लापरवाही बरती जाए, तो ये आगे चलकर बेहद खतरनाक स्थिति में बदल सकता है। वहीं, अगर किसी अडल्ट व्यक्ति का खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल 200 mg/dL तक पहुंच गया है, तो ये भी प्री डायबेटिक कंडीशन ही है और इसे भी हल्के में लेना सेहत को भारी नुकसान पहुंचाने जैसा है।
सेहत के लिए है कितना खतरनाक?
बीते कुछ दिनों पहले ICMR द्वारा की गई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि भारत में इस समय 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज की चपेट में आ चुके हैं, जबकि करीब 14 करोड़ लोग प्री-डायबेटिक हैं। वहीं, जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, प्री डायबेटिक कंडीशन को डायबिटीज की बॉर्डलाइन कहा जाता है। यानी ये एक मौका है जिसमें सही समय पर सुधार आपको डायबिटीज की चपेट में आने से बचा सकता है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसका फिलहाल कोई सटीक इलाज भी नहीं है। यानी एक बार ये बीमारी किसी को हो जाएं, तो पीड़ित को बाकि की जिंदगी दवाइयों के सहारे ही गुजारनी पड़ती है। ऐसे में बॉडी में प्री डायबेटिक कंडीशन के लक्षण दिखते ही बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
कैसे करें कंट्रोल?
इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप समय-समय पर टेस्ट कराते रहें। खासकर अगर आपके परिवार में पहले से कोई व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है, या आपका वजन अपनी उम्र के हिसाब से बहुत अधिक है, तो आपको बिना किसी लक्षण के भी समय-समय पर इसकी जांच करा लेनी चाहिए। वहीं, अगर टेस्ट में फास्टिंग शुगर 120 mg/dL और खाने के बाद शुगर 200 mg/dL तक पहुंचता हुआ दिखाई दे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं। चूंकि डायबिटीज की बीमारी खराब लाइफस्टाइल से संबंधित है, ऐसे में इसमें सुधार करना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके लिए-
- हर रोज एक्सरसाइज करें
- वॉकिंग करें
- घंटों एक ही जगह बैठे रहने की आदत को बदलें। अगर आपकी सिटिंग जॉब है तो भी बीच-बीच में बाहर का एक चक्कर लगाते रहें।
- जंक, प्रोसेस्ड, ज्यादा ऑयली और ज्यादा नमक या चीनी वाले खाने से तुरंत दूरी बनाकर घर पर बना हेल्दी खाना खाएं।
ये हेल्दी तरीके बॉर्डरलाइन डायबिटीज को कंट्रोल करने में आपकी मदद करेंगे।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।