प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन तंत्र समेत स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में कारगर है। प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के अंदर पनपते हैं। प्रोबायोटिक्स मोटापे से लेकर दिमागी बीमारियों तक के इलाज में रामबाण से कम नहीं है। प्रोबायोटिक्स से उलट प्रीबायोटिक्स, ऐसे कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो पच नहीं पाते। लेकिन यह फाइबर से भरपूर होते हैं।
क्या होते हैं प्रीबायोटिक्स: प्रीबायोटिक्स आंतों के विकास को बढ़ावा देते हैं। यह एक तरह के अजीवित इनडाइजेस्टेबल प्लांट फाइबर होते हैं, जो शरीर में अच्छे बैक्टीरिया द्वारा इस्तेाल किए किए जाते हैं। जर्नल फ्रंटियर्स इन बिहेव्यरल न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रीबायोटिक्स ना सिर्फ आपके पाचन तंत्र को बेहतर करते हैं, बल्कि, इन फूड्स का सेवन करने से आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।
इसके अलावा प्रीबायोटिक्स फूड का सेवन करने से नॉन-रैपिड आई मूवमेंट में सुधार होता है। बता दें, प्रीबायोटिक्स शरीर में ब्यूटाइरिक, एसीटेट और प्रोपियोनेट जैसे फैटी एसिड को बनने में मदद करते हैं। यह फैटी एसिड शरीर में चयापचय क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
इन चीजों में होता है प्रीबायोटिक्स:
प्याज: खाने के स्वाद को बढ़ाने वाली प्याज में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें इंसुलिन और एफओएस यानी फ्रुक्टुलिगोसैकराइड्स मौजूद होते हैं। यह प्रीबायोटिक शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर है। साथ ही पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर प्याज में क्वेरसेटिन फ्लेवोनाइड भी मौजूद होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं।
लहसुन: लहसुन शरीर में बिफीडो बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है। साथ ही हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। ऐसे में आप अपने खाने में लहसुन को शामिल कर सकते हैं।
शतावरी: शतावरी में भरपूर मात्रा में प्रीबायोटिक्स मौजूद होते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। साथ ही कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने में भी मदद करते हैं। ऐसे में आप शतावरी सब्जी का नियमित तौर पर सेवन कर सकते हैं।
केला: केले में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह विटामिन और प्रोटीन से भरपूर फल है। केला गट बैक्टीरिया को शरीर में बढ़ावा देकर, सूजन को कम करने में कारगर है। ऐसे में आप कच्चे और पके दोनों तरह के केले का सेवन कर सकते हैं।