डायबिटीज मरीजों के लिए ब्लड शुगर को नॉर्मल रखना बेहद जरूरी है। ब्लड शुगर को नॉर्मल रखना वज़न, एनर्जी और मेटाबॉलिक हेल्थ के लिए ज़रूरी है। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज-फ्रेंडली डाइट का सेवन करना, बॉडी को एक्टिव रखना और तनाव को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को नॉर्मल करना चाहते हैं तो डाइट में प्रोटीन और फाइबर रिच फूड्स को शामिल करें और फैट को कंट्रोल करें। कुछ फूड्स ऐसे हैं जिनका सेवन अगर डायबिटीज मरीज करें तो प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकते हैं, फैट को कंट्रोल कर सकते हैं और पर्याप्त फाइबर भी ले सकते हैं।
डायबिटीज़-फ्रेंडली डाइट में ऐसे फूड्स शामिल होते हैं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और उन्हें खाने से ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहता है। डायबिटीज़-फ्रेंडली डाइट की बात करें तो मखाना और मूंगफली क्या डायबिटीज मरीजों की ब्लड शुगर नॉर्मल करने के लिए असरदार हैं। आइए जानते हैं कि मूंगफली (Peanuts) और मखाना (Fox Nuts) में से कौन सा ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए बेहतर है।
क्या मूंगफली ब्लड शुगर कंट्रोल करती है?
मूंगफली एक ऐसा स्नैक्स है जो दालों के परिवार से आती है, लेकिन पोषण के लिहाज से इसे नट्स की तरह माना जाता है। मूंगफली खाने में टेस्टी लगती है लेकिन क्या ये ब्लड शुगर को नॉर्मल कर सकती है। हेल्थलाइन के मुताबिक मूंगफली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग लगभग 14 होता है जो बहुत कम माना जाता है। इसका मतलब यह है कि मूंगफली खाने के बाद ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) मूंगफली ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाती। इस स्नैक्स में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स भी होता है जो डायबिटीज मरीजों के लिए जरूरी है। इसमें प्रोटीन और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स की मात्रा अच्छी होती है।
ये दोनों तत्व मिलकर पाचन की गति को धीमा करते हैं और ग्लूकोज़ के अवशोषण को कंट्रोल करते हैं। मूंगफली में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर स्पाइक को रोकने में मदद करता है और पेट को लम्बे समय तक भरा हुआ रखता है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि नियमित रूप से सीमित मात्रा में मूंगफली का सेवन करने से इंसुलिन की संवेदनशीलता बेहतर हो सकती है। यह टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होता है। कुल मिलाकर, मूंगफली उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो शुगर लेवल को नॉर्मल रखना चाहते हैं।
क्या मूंगफली की तरह मखाना भी ब्लड शुगर कंट्रोल करता है?
मखाना, जिसे फॉक्स नट्स या कमल गट्टा भी कहा जाता है, भारत में सदियों से ट्रेडिशनल डाइट का हिस्सा रहा है। मखाने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 38 से 55 के बीच माना जाता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो से मीडियम के बीच होता है। यानी यह भी ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है और अचानक स्पाइक नहीं आने देता। मखाने में पर्याप्त फाइबर मौजूद होता है, जो पाचन को धीमा कर देता है और इससे ग्लूकोज का स्तर कंट्रोल रहता है। इसमें मैग्नीशियम और मिनरल्स मौजूद होते है।
मखाना में मौजूद मैग्नीशियम ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मददगार है। मखाना हल्का और पचने में आसान होता है, इसलिए डायबिटीज के मरीज इसे स्नैक के रूप में आराम से खा सकते हैं, बशर्ते इसे तलकर या ज्यादा तेल-घी में न बनाया जाए। मखाना का सेवन सीमित मात्रा में करना ही डायबिटीज मरीजों के लिए उपयोगी है।
मखाना और मूंगफली में कौन सा स्नैक्स है ज्यादा बेहतर
मूंगफली प्रोटीन और हेल्दी फैट्स से भरपूर होने के कारण ब्लड शुगर को ज्यादा प्रभावी ढंग से कंट्रोल रखती है जबकि मखाना हल्का, लो कैलोरी और फाइबर से भरपूर होता है जो डायबिटीज़ मरीजों के लिए एक सुरक्षित स्नैक विकल्प है। अगर आप ब्लड शुगर को लंबे समय तक नॉर्मल रखना चाहते हैं, तो सीमित मात्रा में मूंगफली का सेवन बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर आप हल्का और पचने में आसान स्नैक चाहते हैं, तो मखाना आपके लिए अच्छा विकल्प है।
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